महाकुंभनगर। पवित्र त्रिवेणी में अमृतपान की लालसा लेकर आने वाले श्रद्धालुओं की तादाद फिलहाल कम होने की उम्मीद नहीं है। ट्रेनों से लेकर फ्लाइट में अगले तीन हफ्ते तक नो-रूम है।
अभी महाकुंभ के समापन में 13 दिन व एक स्नान पर्व शेष है।
ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि माघी पूर्णिमा स्नान के बाद भी श्रद्धालुओं की संख्या कम नहीं होने वाली है। माघी पूर्णिमा पर बुधवार को लगभग 2 करोड़ चार लाख श्रद्धालुओं ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। इससे कुल संख्या 48.29 करोड़ पहुंच गई है।
50 करोड़ के पार हो सकता है आंकड़ा
गुरुवार को यह आंकड़ा 50 करोड़ के पार हो सकता है। पावन संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतों, श्रद्धालुओं, कल्पवासियों, स्नानार्थियों और गृहस्थों का स्नान अब काफी ऊंचाई पर पहुंच गया है। सरकार की ओर से 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान था, जिससे कहीं ज्यादा बढ़कर श्रद्धालु आ चुके हैं।
महाशिवरात्रि पर एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु करेंगे स्नान
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पहले ही अनुमान जताया था कि इस बार के भव्य और दिव्य महाकुंभ में श्रद्धालुओं का रिकॉर्ड बनेगा। मंगलवार सुबह आठ बजे ही महाकुंभ में 45 करोड़ स्नानार्थियों की संख्या पार हो गई थी। अभी महाशिवरात्रि का स्नान पर्व बाकी है जिसमें एक करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं के डुबकी लगाने की उम्मीद है।
13 दिन बाद होगा महाकुंभ का समापन
महाशिवरात्रि के अलावा 13 दिन महाकुंभ में बाकी हैं। इस दौरान छह से सात करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है। तीनों अमृत स्नान (मकर संक्रांति, मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी) के बाद भी श्रद्धालुओं-स्नानार्थियों के जोश और उत्साह में कोई कमी नहीं दिख रही है।
मौनी अमावस्या पर आठ करोड़ लोगों ने लगाई थी डुबकी
सर्वाधिक आठ करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर डुबकी लगाई थी। मकर संक्रांति पर 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने अमृत स्नान किया था।
इसके अलावा 30 जनवरी व एक फरवरी को दो-दो करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य की डुबकी लगाई। वसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने स्नान किया था।
बिना किसी VIP प्रोटोकॉल के प्रयागराज पहुंचे अनिल कुंबले
महाकुंभ नगर। एक जमाने में पूरी पाकिस्तान की टीम को अकेले ऑल आउट करने वाले अनिल कुंबले बुधवार को तंंबुओं के शहर पहुंचे।
उन्होंने माघी पूर्णिमा पर पवित्र त्रिवेणी में अध्यात्म की डुबकी लगाई। उनकी पत्नी चेतना रामतीर्था भी इस आध्यात्मिक यात्रा में उनके साथ रहीं।