उत्तराखंड में कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के बयान से बवाल मचा हुआ है। पहाड़ और मैदान को लेकर छिड़ी बहस से अब पार्टी गंभीर हो गई है।
माना जा रहा है कि हाईकमान ने भी इस मामले पर जबाव तलब किया है। मंत्री के बयान से पूरे प्रदेश में सियासत गरमाई हुई है। साथ ही विपक्ष भी हमलावर है।
इस बीच प्रदेश नेतृत्व ने मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल को देहरादून के पार्टी कार्यालय में बुलाकर सार्वजनिक जीवन में संयम बरतने और उचित शब्दावली प्रयोग करने की हिदायत दी है।
भाजपा ने राज्य का माहौल बिगाड़ने की कोशिशों पर कड़ा रुख अपनाते हुए स्पष्ट किया कि उत्तराखंड सबका है और उसका सद्भाव बनाए रखना भी हम सबकी जिम्मेदारी है।
इस बैठक की जानकारी देते हुए प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि विधानसभा के अंदर कार्यवाही के संबंध में बतौर संसदीय कार्य मंत्री हमारी उनसे यह बातचीत हुई है।
इस दौरान हमारे द्वारा उन्हें कहा गया है कि तमाम गलतफहमी या अन्य कारणों से राज्य में जिस तरह का माहौल खड़ा हुआ है वह उचित नहीं है। पार्टी उनसे सही शब्दों के चयन और संयमित व्यवहार की अपेक्षा करती है।
इस दौरान मंत्री ने बताया कि जो कुछ सामने आ रहा है ऐसा मेरा भावार्थ दूर दूर तक नहीं था। फिर भी यदि गाली वाला शब्द भी है तो वह मेरे व्यक्तत्व से पहले का है, ना वह पहाड़ या मैदान को लेकर कुछ कहा गया है। भट्ट ने कहा, प्रेमचंद ने इस पूरे मुद्दे पर पहले भी खेद जताया है और आज भी पार्टी के सम्मुख माफी मांगी है। उन्होंने कहा, मंत्री का जन्म भी उत्तराखंड में हुआ है, पुराने कार्यकर्ता है, राष्ट्रवादी विचारों से जुड़े और आंदोलनकारी रहे हैं।
प्रदेश अध्यक्ष ने बताया कि मंत्री ने खेद प्रकट करते हुए स्पष्ट किया है कि भविष्य में वह शब्दों के चयन में विशेष ध्यान रखेंगे। इस दौरान पार्टी ने भी ताकीद किया है कि राजनीतिक क्षेत्र का कोई भी कार्यकर्ता हो या जनप्रतिनिधि सबको संयम रखना होगा।
लेकिन जिस प्रकार यह विषय समाज के बीच में दुष्प्रचार के रूप में आया है। पार्टी ने उसे गंभीरता से लेते हुए आवश्यक निर्देश दिए हैं।
उन्होंने मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए कहा, अब इस प्रकार का माहौल बिगाड़ने की कोशिशों पर लगाम लगनी चाहिए। क्योंकि इसी तरह एक पक्ष बोलेगा, फिर दूसरा प्रतिक्रिया देगा तो राज्य का माहौल खराब होगा।
उन्होंने मीडिया के माध्यम से भी अपील की कि जिस तरह सोशल मीडिया के माध्यम से देवभूमि का सौहार्द पर चोट पहुंचाई जा रही है उसकर अंकुश लगना चाहिए। इस सबके लिए कोई एक व्यक्ति दोषी नहीं है।