महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दौरान मची भगदड़ के पीछे साजिश की आशंका जताई जा रही है। सूत्रों के मुताबिक यूपी एसटीएफ और एटीएस इस घटना की गहराई से जांच कर रही है।
जांच में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) से लैस कैमरों की मदद ली जा रही है। जिसमें 120 संदिग्धों की पहचान की गई है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में ‘ऑपरेशन 120’ शुरू किया है।
एआई कैमरों में कैद हुए संदिग्ध चेहरे
सूत्रों के मुताबिक महाकुंभ मेला क्षेत्र में लगे एआई कैमरों में 120 संदिग्धों को ट्रेस किया गया है। ये सभी एक ही बस से उतरकर मेला क्षेत्र में घुसे थे। अब इस बात की जांच की जा रही है कि कहीं इन लोगों ने अफवाह फैलाकर भगदड़ मचाने की साजिश तो नहीं रची थी।
मोबाइल सर्विलांस से मिले अहम सबूत
एसटीएफ को जांच के दौरान कई संदिग्ध मोबाइल नंबर मिले हैं। जो भगदड़ के समय सक्रिय थे, लेकिन बाद में बंद हो गए। इसके चलते इन नंबरों को सर्विलांस पर लगाया गया है। महाकुंभ में सुरक्षा के लिए लगाए गए सीसीटीवी कैमरों और ड्रोन फुटेज की बारीकी से जांच की जा रही है। इन फुटेज में कई संदिग्ध गतिविधियां रिकॉर्ड हुई हैं, जिनका विश्लेषण किया जा रहा है।
16 हजार से ज्यादा मोबाइल नंबरों की जांच
सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ संगम नोज इलाके में सक्रिय 16 हजार से ज्यादा मोबाइल नंबरों की जांच कर रही है। इनमें से 100 से ज्यादा नंबरों को 24 घंटे निगरानी में रखा गया है। जांच एजेंसियां उन संदिग्धों की पहचान कर रही हैं, जो भगदड़ के दौरान भीड़ का हिस्सा थे। भगदड़ के बाद कई पीड़ितों और प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि कुछ युवकों के समूह ने लगातार धक्का-मुक्की कर अराजकता फैलाई। अब इन युवकों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज खंगाली जा रही है।
रेहड़ी-पटरी वालों से चल रही पूछताछ
पुलिस ने मेले में मौजूद पटरी दुकानदारों, पूजा सामग्री और अन्य सामान बेचने वालों से भी पूछताछ शुरू कर दी है। ताकि पता लगाया जा सके कि भगदड़ से पहले कोई संदिग्ध गतिविधि तो नहीं देखी गई। उत्तर प्रदेश के एडीजी (कानून व्यवस्था) और एसटीएफ चीफ अमिताभ यश खुद प्रयागराज में डेरा डाले हुए हैं। पूरे शहर में खुफिया तंत्र को अलर्ट कर दिया गया है।
CM योगी वॉर रूम से कर रहे निगरानी
वसंत पंचमी के अवसर पर तीसरे अमृत स्नान के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ खुद वॉर रूम से पूरी व्यवस्था पर नजर रख रहे थे। उन्होंने सुबह तीन बजे से ही स्थिति पर नजर रखनी शुरू कर दी थी।
सीएम योगी ने अधिकारियों को महाकुंभ में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था करने और संदिग्ध गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने के निर्देश दिए हैं। इस घटना की जांच के लिए गठित विशेष टीम हर पहलू पर बारीकी से काम कर रही है।
साजिश या महज हादसा? हो रही जांच
जांच एजेंसियां इस सवाल का जवाब तलाश रही हैं कि महाकुंभ में भगदड़ महज हादसा थी या फिर किसी गहरी साजिश के तहत इसे अंजाम दिया गया। ‘ऑपरेशन 120’ के तहत एसटीएफ और एटीएस की टीमें पूरी घटना की बारीकी से जांच कर रही हैं।