रानीखेत। राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रानीखेत में She for STEM (Speak-Up Kalpana) पहल के अंतर्गत एक प्रेरणादायक सत्र आयोजित किया गया।
यह कार्यक्रम उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST), देहरादून एवं Vigyan Shaala Foundation के सहयोग से संपन्न हुआ। कार्यक्रम का विषय था — “Exploring Careers in Biotechnology and Life Sciences” यानी “बायोटेक्नोलॉजी और लाइफ साइंसेज़ में करियर के अवसर”।
कार्यक्रम का संचालन डॉ. सी. एस. पंत, सह-समन्वयक She for STEM (कल्पना) पहल द्वारा किया गया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. पुष्पेश पांडे के मार्गदर्शन तथा प्रो. पी. एन. तिवारी (वाणिज्य विभाग) के निर्देशन में कार्यक्रम का आयोजन हुआ।
अपने स्वागत उद्बोधन में प्रो. पी. एन. तिवारी ने कहा कि आज के समय में बायोटेक्नोलॉजी और लाइफ साइंस के क्षेत्र में ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं के लिए नवाचार और उद्यमिता (innovation & entrepreneurship) के अनेक अवसर हैं।
उन्होंने कहा कि हमारे पहाड़ी क्षेत्रों की जैव विविधता, औषधीय पौधे और जैविक खेती (organic farming) जैसे संसाधन विज्ञान के माध्यम से रोजगार और शोध दोनों के लिए उपयोगी हो सकते हैं।
डॉ. भारत पांडे, She for STEM (कल्पना) पहल के महाविद्यालय समन्वयक एवं यूकॉस्ट (UCOST), अल्मोड़ा के जिला समन्वयक, ने कार्यक्रम के उद्देश्यों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने प्रो. दुर्गेश पंत, महानिदेशक, यूकॉस्ट, देहरादून का निरंतर मार्गदर्शन हेतु आभार व्यक्त किया तथा Vigyan Shaala Foundation की टीम का सहयोग के लिए धन्यवाद दिया।
मुख्य वक्ता के रूप में आमंत्रित थीं डॉ. अंजली पांडे, जो एक प्लांट मॉलीक्यूलर बायोलॉजिस्ट हैं और एम. के. भान यंग रिसर्च फेलोशिप (DBT, नई दिल्ली) के अंतर्गत Principal Investigator के रूप में कार्यरत हैं।
उन्होंने जी. बी. पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय, पंतनगर से पीएच.डी. प्राप्त की है तथा दक्षिण कोरिया में पोस्ट-डॉक्टोरल शोध किया है।
अपने व्याख्यान में डॉ. अंजली पांडे ने विद्यार्थियों को बायोटेक्नोलॉजी, लाइफ साइंस, नैनो-विज्ञान एवं प्लांट-आधारित अनुसंधान में करियर की नई संभावनाओं के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि विज्ञान का अध्ययन केवल प्रयोगशालाओं तक सीमित नहीं है, बल्कि यह हमारे समाज और पर्यावरण को भी बदल सकता है।
सत्र के दौरान विद्यार्थियों एवं शोधार्थियों ने प्रश्नोत्तर सत्र में उत्साहपूर्वक भाग लिया और रिसर्च फेलोशिप, बायोटेक स्टार्टअप्स तथा करियर मार्गदर्शन से जुड़े सवाल पूछे।
कार्यक्रम के अंत में डॉ. सी. एस. पंत ने डॉ. अंजली पांडे का आभार व्यक्त करते हुए कहा —
“छोटे-से पहाड़ी क्षेत्र रानीखेत में भी विज्ञान, जैविक खेती और औषधीय पौधों के क्षेत्र में बड़े अवसर मौजूद हैं।”
उन्होंने यूकॉस्ट, Vigyan Shaala Foundation तथा महाविद्यालय प्रशासन के सहयोग के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम में विज्ञान संकाय के शिक्षकों और विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
यह सत्र विद्यार्थियों में विज्ञान के प्रति जिज्ञासा और नवाचार की भावना को प्रोत्साहित करने वाला रहा।
















