हिमालय की गोद से विज्ञान की ओर: रानीखेत ने UCOST कार्यक्रमों में दर्ज की अभूतपूर्व सफलता

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रानीखेत। महाविद्यालय रानीखेत ने विश्व आपदा प्रबंधन सम्मेलन (WSDM 2025) और 20वीं उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस (2025–2026) में अभूतपूर्व उपलब्धि दर्ज करते हुए पूरे कुमाऊँ और उत्तराखंड का नाम रोशन किया।

देहरादून में 28 से 30 नवंबर 2025 तक आयोजित इन प्रतिष्ठित आयोजनों में देश-दुनिया के वैज्ञानिकों, शिक्षाविदों और शोधकर्ताओं ने हिस्सा लिया।

UCOST और WSDM के आधिकारिक दस्तावेज़ों के अनुसार, इन मंचों पर तकनीकी सत्रों, शोध प्रस्तुतियों, कार्यशालाओं और प्रदर्शनियों के माध्यम से विज्ञान और आपदा प्रबंधन पर उच्च स्तरीय चर्चा हुई।

हिमालयी क्षेत्र के लिए गौरव का क्षण तब आया जब बी.एससी. पाँचवें सेमेस्टर की छात्राएँ—ज्योति और तनिशा—ने अपने शोध कार्य का प्रस्तुतीकरण किया। वे कुमाऊँ के किसी दूरस्थ सरकारी महाविद्यालय की पहली छात्राएँ बनीं जिन्होंने वैश्विक वैज्ञानिक मंच पर अपनी पहचान दर्ज की।

इसी के साथ महाविद्यालय की सहायक प्राध्यापक डॉ. निधि शर्मा, रसायन विज्ञान विभाग, को 20वीं राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी कांग्रेस में ओरल प्रेज़ेंटेशन श्रेणी में यंग साइंटिस्ट अवॉर्ड प्राप्त हुआ, जो महाविद्यालय के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

UCOST के जिला समन्वयक (अल्मोड़ा) डॉ. भारत पांडे ने कहा कि डिज़ास्टर मैनेजमेंट समिट, स्टेट साइंस कांग्रेस और SHE for STEM जैसी पहलें ग्रामीण हिमालयी क्षेत्रों में वैज्ञानिक अवसरों और exposure को नई दिशा दे रही हैं। SHE for STEM टीम को धन्यवाद देते हुए उन्होंने कहा—

“मैं डॉ. दर्शना मैम, डॉ. भुवन,  सौरभ जोशी और पूरी SHE for STEM टीम का हृदय से आभार व्यक्त करता हूँ। उनके प्रयासों ने ग्रामीण क्षेत्रों की छात्राओं को राष्ट्रीय और वैश्विक वैज्ञानिक मंचों पर पहुँचने का अवसर दिया है।”

डॉ. भारत पांडे ने आगे कहा कि UCOST के महानिदेशक प्रो. दुर्गेश पंत का दूरदर्शी नेतृत्व उत्तराखंड में वैज्ञानिक समावेशिता और नवाचार को नई दिशा दे रहा है। “प्रो. पंत का नेतृत्व सुनिश्चित करता है कि पहाड़ों के विद्यार्थियों को भी वही अवसर और प्रोत्साहन मिले जो बड़े संस्थानों में उपलब्ध हैं। रानीखेत की यह उपलब्धि उनके विज़न को साकार रूप देती है,” उन्होंने कहा।

महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. पुष्पेश पांडे ने छात्राओं और युवा संकाय सदस्य की इस ऐतिहासिक उपलब्धि पर गहरा गर्व व्यक्त किया।

महाविद्यालय के शिक्षकों ने कहा कि यह सफलता अनेक छात्रों—विशेषकर छात्राओं—को राष्ट्रीय स्तर के शोध, वैज्ञानिक सम्मेलनों और STEM करियर में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करेगी।

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