रानीखेत। मानव–वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम एवं न्यूनकरण हेतु प्रभागीय वनाधिकारी, अल्मोड़ा वन प्रभाग तथा उप प्रभागीय वनाधिकारी, रानीखेत के निर्देशन में रानीखेत रेंज मे विभिन्न कार्यक्रम आयोजित किए जा रहे है।
वन क्षेत्राधिकारी तापश मिश्रा ने बताया कि जागरूकता कार्यक्रम मे संवेदनशील ग्रामों में समुदाय आधारित जागरूकता बैठकों का नियमित आयोजन कर सुरक्षित व्यवहार एवं रिपोर्टिंग की जानकारी प्रदान की जा रही है।
वही रात्रिकालीन गश्त कर संघर्ष-प्रवण क्षेत्रों में वन कर्मियों द्वारा सुदृढ़ नाइट पेट्रोलिंग कर सतत निगरानी सुनिश्चित की जा रही है।
उन्होंने कहा कि मानव–वन्यजीव संघर्ष की रोकथाम के लिए कैमरा ट्रैप लगाकर वन्यजीव गतिविधियों के आकलन हेतु महत्वपूर्ण स्थानों पर कैमरा ट्रैप स्थापित कर वास्तविक समय में मूवमेंट मॉनिटरिंग की जा रही है।
वन क्षेत्राधिकारी ने कहा कि हमारी टीम ड्रोन सर्विलांस के माध्यम से कठिन भू-भाग में निगरानी बढ़ाने हेतु ड्रोन का प्रयोग कर संभावित जोखिम क्षेत्रों की पहचान की जा रही है।
वही खरपतवार उन्मूलन कर लैंटाना आदि बाहरी खरपतवारों के उन्मूलन का कार्य कर प्राकृतिक आवास में सुधार किया जा रहा है, जिससे वन्यजीवों की आवाजाही नियंत्रित क्षेत्रों तक सीमित रहे।
उन्होने कहा कि रानीखेत रेंज मानव–वन्यजीव संघर्ष के प्रभावी प्रबंधन हेतु तकनीकी साधनों एवं जन-सहभागिता के साथ निरंतर प्रयासरत है।

