कमलेश कैड़ा का नामांकन अवैध ! पंचायतीराज अधिनियम 2016 की धारा 9 की उपधारा (6) एवं (7) का पूर्णत उल्लंघन – हरीश पनेरू
भीमताल। ओखलकाण्डा विकासखण्ड में बड़ौन क्षेत्र से क्षेत्र पंचायत सदस्य की उम्मीदवार रही बचूली देवी के नामांकन को निर्वाचन अधिकारियों के द्वारा दो जमा प्रमाण पत्रों को गाइब कर देने से नामांकन निरस्त होने से आज राज्य निर्वाचन आयोग को और आरओ ओखलकाण्डा को कमलेश कैड़ा का दो जगह निर्वाचक नामावली में नाम होने से प्रमुख राज्य आन्दोलनकारी पूर्व दर्जा राज्यमंत्री हरीश पनेरु एवं बचूली देवी ने तत्काल नामांकन निरस्त करने की मांग की है।
उच्च न्यायालय के आदेश का भी हवाला दिया है और गोलू दरबार में जाकर अपने साथ हुई साजिश के विषय में भगवान् से भी न्याय की कामना की है।
हरीश पनेरु ने कहा कि बचूली देवी पत्नी ललित सिंह चिलवाल जिसका ब्लॉक से दो प्रमाण पत्र गाइब करके नामांकन निरस्त कर दिया था, जिसकी पूरी भीमताल विधानसभा के साथ ही राज्य में भर्त्सना हुई थी और राज्य आन्दोलनकारी हरीश पनेरु के नेतृत्व में बड़ौन गांव के लोगों द्वारा कुमाऊं आयुक्त के आवास पर धरना भी दिया था ।
बचूली देवी ने भीमताल भाजपा विधायक रामसिंह कैड़ा पर आरोप लगाते हुए कहा है कि विधायक ने अपनी पत्नी को बड़ौन क्षेत्र से निर्विरोध बीडीसी बनाने के लिए मेरे साथ इतनी बड़ी साज़िश की लोकतांत्रिक मूल्यों की हत्या की मेरे दो प्रमाण पत्रों को गाइब करवा करके मुझे पंचायत चुनावों से दूर कर दिया है, जो एक ग्रामीण महिला के सशक्तिकरण के खिलाफ है और एक महिला का अपमान है।
कमलेश कैड़ा का दो जगह निर्वाचक नामावली में नाम होने और नगर निगम चुनाव हल्द्वानी में मतदान करने से पंचायतीराज अधिनियम 2016 का पूर्णतः उल्लंघन किया और उच्च न्यायालय के आदेश की अवमानना की है।
बचूली देवी के पति ललित चिलवाल ने बताया कि वे जन्मजात भाजपाई रहे हैं और भाजपा विधायक ने अपनी पत्नी के खातिर एक बड़ौन गांव की सामान्य गरीब महिला के साथ इतना बड़ा षड्यंत्र करके उसके साथ नाइंसाफी की है।
बचूली देवी ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग और आर ओ ओखलकाण्डा को शिकायत करने के बाद उन्होंने भगवान गोलू देवता के मन्दिर में भी अर्जी लगाई है।

