उत्तरकाशी में बादल फटने से आर्मी कैंप और हेलीपैड तबाह, जवानों समेत 200 से ज्यादा लोगों के लापता होने की आशंका, वीडियो…

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उत्तराखंड में दो घंटे के अंदर दूसरी तबाही, धराली के पास सुखी टॉप में फिर फटा बादल; देखें खौफनाक मंजर

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में एक और बादल फटा है और अब हर्षिल घाटी में प्राकृतिक आपदा आई है। बादल आर्मी बेस कैंप के पास फटा है, जिसका वीडियो सामने आया है। वीडियो में देख सकते हैं कि पहाड़ी से तेज प्रवाह के पानी नीचे की ओर आ रहा है।

ऊपर आसमान में काले घने बादल छाए हैं। वहीं हर्षिल घाटी में बादल फटने से आया मलबा आर्मी बेस कैंप और हेलीपैड को बहा ले गया। सेना के जवानों समेत करीब 200 लोगों के लापता होने की आशंका है। कैंप में 14 राजपूताना राइफल रेजिमेंट तैनात थी।

बता दें कि हर्षिल घाटी की कई उपघाटियों में आज बादल फटने की घटनाओं से धाराली, हर्षिल और सुक्की जैसे क्षेत्रों में तबाही मच गई है। हर्षिल के पास मंदाकनी गदेहरा (छोटी नदी) है, जिसके पास अब झील बन रही है। प्राकृतिक आपदा के चलते कई जगहों पर भूस्खलन होने और बाढ़ आने की स्थिति बन गई है।

धराली गांव में खेड़ा गाड़ के पास भारी मलबा आने से गांव प्रभावित हुआ है। हर्षिल क्षेत्र में ताल गाड़ में भूस्खलन हुआ है। वहीं, सुक्की गांव के सामने बह रही भेला गाड़ में बाढ़ आने की तस्वीरें सामने आ रही हैं, जिससे गांव में दहशत का माहौल बना हुआ है।

धराली गांव के ऊपर भी फटा बादल

बता दें कि हर्षिल घाटी से पहले धराली गांव के ऊपर पहाड़ी पर बादल फटा था, जिसके बाद पहाड़ी से भारी मलबा, पानी और बड़े-बड़े पत्थर आए। इस मलबे और पानी ने पूरे धराली गांव को तबाह कर दिया। गांव में बने घर बह गए और घरों में रहने वाले लोग मलबे के नीचे दब गए। कुछ लोग समय रहते जान बचाने में कामयाब हो गए। वहीं 4 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं। 50 से ज्यादा लोग मलबे के नीचे दबे हैं। 

राहत और बचाव कार्य में जुटी टीमें

बता दें कि धराली और हर्षिल में बादल फटने की घटना के बाद भटवाड़ी से लेकर चिन्यालीसौड़ के लिए अलर्ट जारी कर दिया गया है। नदी किनारे बसे लोगों को घर खाली करने का आदेश जारी किया गया है। आपदा की गंभीरता को देखते हुए पुलिस महानिरीक्षक, SDRF अरुण मोहन जोशी के निर्देशानुसार सेनानायक SDRF अर्पण यदुवंशी ने रेस्क्यू टीमों को मौके पर भेज दिया है। SDRF की कुल 10 टीमें बचाव में जुटी हैं।

पोस्ट गंगोत्री और भटवाड़ी की टीमें भी मौके पर पहुंची हुई हैं। SDRF वाहिनी मुख्यालय, जॉलीग्रांट से 50 जवानों को विक्टिम लोकेटिंग कैमरा, थर्मल इमेजिंग कैमरा, कटिंग टूल्स, आरआरसॉ, रोटरी हैमर ड्रिल, डायमंड टिप चैन सॉ, पोर्टबल जेनरेटर, मेडिकल ऐडस और सैटेलाइट फोन इत्यादि के साथ भेजा गया है।

धराली में बादल फटने से मचा कोहराम

उत्तरकाशी के हर्षिल क्षेत्र से महज एक किलोमीटर दूर धराली गांव मंगलवार दोपहर तब अचानक चर्चा में आ गया जब खीर गंगा (खीर गढ़) क्षेत्र में बादल फटने से गांव में भारी मलबा और पानी आ गया. देखते ही देखते सैकड़ों टन मलबा गांव में घुस आया और पूरे इलाके को तबाह कर गया।

‘पानी दीवार बनकर आया और सब बहा ले गया’

धराली गांव में क्लाउडबर्स्ट के समय मौजूद बीजेपी नेता लोकेन्द्र बिष्ट ने बताया कि पानी दीवार की तरह आया. कुछ ही पलों में सबकुछ बह गया. लोग अपने काम में लगे थे, किसी को अंदाजा नहीं था कि इतनी भीषण आपदा आने वाली है. कई घर, होटल और दुकानें पूरी तरह खत्म हो गईं।

चार शव बरामद, दर्जनों लापता

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी शार्दूल गुसाईं ने पुष्टि की कि अब तक चार शव बरामद किए गए हैं. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और सेना की टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हैं. कई लोग अभी लापता हैं. सटीक आंकड़ा तभी सामने आएगा जब टीमें प्रभावित इलाकों से वापस लौटेंगी।

चारधाम यात्रा का मुख्य मार्ग भी प्रभावित

धराली, जो गंगोत्री धाम जाने वाले मुख्य हाईवे पर स्थित है, वहां इस आपदा से चारधाम यात्रा पर भी असर पड़ा है. सड़कें मलबे से ढक गई हैं और संचार पूरी तरह बाधित हो गया है. कई यात्री फंसे हुए हैं।

मुख्यमंत्री और गृह मंत्री ने की समीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना पर दुख जताते हुए कहा कि उत्तरकाशी में जानमाल का नुकसान अत्यंत दुखद है. मैंने प्रशासन को निर्देश दिया है कि राहत और बचाव कार्य पूरी तत्परता से किया जाए. गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम धामी से फोन पर बात की और केंद्र से हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार उत्तराखंड के साथ खड़ी है और रेस्क्यू ऑपरेशन युद्धस्तर पर चलाए जाएं।

राहत शिविर और हेलीकॉप्टर तैयार

प्रशासन ने बताया कि प्रभावित लोगों के लिए राहत शिविरों की व्यवस्था की जा रही है. अतिरिक्त हेलीकॉप्टर और एनडीआरएफ की टीमें तैयार रखी गई हैं ताकि आवश्यकता पड़ने पर उन्हें तुरंत तैनात किया जा सके. घटनास्थल से जो तस्वीरें सामने आ रही हैं, वे साल 2021 की चमोली त्रासदी की याद दिला रही हैं. सड़कें मलबे में दब चुकी हैं, घर और दुकानें मलबे के ढेर में बदल गई हैं और लोग बचे हुए सामान के साथ सुरक्षित जगहों की ओर भाग रहे हैं।

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