मोदी के आते ही एक्शन में सेना, आतंकियों को जहन्नुम पहुंचाने उतारे हेलीकॉप्टर, मौत बनकर मंडरा रहे कमांडो

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जम्मू कश्मीर के पहलगाम में हुई आतंकी हमले से पूरा देश दहल गया है। 27 निर्दोष हिंदुओं की मौत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपना सऊदी दौरा छोड़कर भारत लौट आए हैं।

इस हमले में 20 लोग घायल हैं, जिनका इलाज चल रहा है। वहीं अब सेना एक्शन मोड में आ गई है। सुरक्षाबल तेजी से सर्च अभियान चला रहे हैं। घाटी में हेलीकॉप्टर उतार दिया गया है, जिसका वीडियो भी सामने आ गया है।
बड़ा ऑपरेशन शुरू

राष्ट्रीय रायफल्स, सीआरपीएफ और जम्मू कश्मीर पुलिस पहलगाम के जंगलों में बड़ा सर्च ऑपरेशन चला रही है। बताया जा रहा कि इस हमले की साजिश पाकिस्तान के रावलपिंडी में रची गई थी। हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा के विंग TRF ने ली है। इंटेलिजेंस सूत्रों के मुताबिक 4 आतंकियों ने मिलकर इस घटना को अंजाम दिया है। गोली मारने से पहले पर्यटकों से उनका नाम पूछा गया और फिर कलमा पढ़ने को कहा गया।

शाह जायेंगे पहलगाम

इधर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह श्रीनगर में पहले से मौजूद हैं। शाह आज पहलगाम का दौरा करने जा सकते हैं। अमेरिका, ईरान, रूस, इटली, यूएई समेत कई देशों ने पहलगाम हमले की निंदा की है। जम्मू-कश्मीर में पुलवामा अटैक के बाद यह सबसे बड़ा हमला है। 2019 के पुलवामा अटैक में 40 जवान शहीद हुए थे। पुलवामा अटैक की जिम्मेदारी जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी।

पहलगाम के आतंकी हमले की टाइमिंग बहुत कुछ कहती है?
लेकिन सुरक्षा एजेंसियों को शक है कि इसके पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयबा का हाथ हो सकता है. अब सवाल इस हमले की टाइमिंग पर है, अगर आप इसे ध्यान से समझेंगे तो समझ में आएगा कि आखिर इस हमले के पीछे कौन लोग हो सकते हैं. जानते हैं पूरा समीकरण।

जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्थल पहलगाम में हाल ही में हुआ आतंकी हमला एक बार फिर से पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद की कायरता को उजागर करता है. लेकिन इस हमले का समय और इसके पीछे की मंशा को गहराई से समझने की जरूरत है. जब एक तरफ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सऊदी अरब की यात्रा पर थे और दूसरी ओर अमेरिकी उपराष्ट्रपति भारत दौरे पर थे, ठीक उसी समय यह हमला कई सवाल खड़े करता है. यह सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित संदेश देने की कोशिश थी।

दुबई से भारत की दोस्ती, पाकिस्तान की घबराहट
पहलगाम में जब हमला हुआ तब पीएम मोदी सऊदी की यात्रा पर ही थे, वह अपनी अधूरी यात्रा छोड़कर भारत वापस आए हैं. भारत ने पिछले कुछ सालों में सऊदी से रिश्ते बहुत बेहतर किए हैं, जबकि सऊदी अरब जो अब पाकिस्तान पर सख्ती दिखा रहा है, हाल ही में पाक नागरिकों को ‘भिखारी’ कहकर उनके प्रवास पर रोक भी लगा चुका है. भारत-सऊदी रिश्तों की मजबूती से पाकिस्तान लगातार घबरा रहा है. पाकिस्तान यह भली-भांति जानता है कि अगर भारत का प्रभाव मुस्लिम देशों से अधिक बढ़ा तो उसकी ‘कश्मीर राग’ की राजनीति पूरी तरह बेकार हो जाएगी।

अमेरिकी उपराष्ट्रपति का भारत दौरा
दूसरी ओर जब यह हमला हुआ तो अमेरिकी उपराष्ट्रपति भारत दौरे पर ही हैं, ठीक उसी समय यह हमला कई सवाल खड़े करता है. यह सिर्फ एक आतंकी घटना नहीं, बल्कि एक सुनियोजित संदेश देने की कोशिश की गई है. अमेरिकी उपराष्ट्रपति का भारत दौरा दोनों देशों के बीच रक्षा, तकनीक और निवेश के संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में है।

पीएम मोदी से जिस अंदाज में जेडी वेंस मिले थे, उससे दुनिया में किसी को भी जलन हो सकती है. खासकर यह यात्रा चीन और पाकिस्तान को तो खूब परेशान कर सकती है. अमेरिका, भारत के साथ मिलकर इंडो-पैसिफिक रणनीति को मजबूत कर रहा है, जिससे पाकिस्तान और चीन की चिंता स्वाभाविक है. इस यात्रा के दौरान हमला कर पाकिस्तान समर्थित आतंकी गुटों ने अमेरिका को यह दिखाने की कोशिश की है कि भारत अब भी अस्थिर है।

पर्यटकों को निशाना बनाकर डर और भ्रम का माहौल बनाना
जम्मू कश्मीर में धारा 370 हटने के बाद जिस तरह से वहां शांति थी, उसके बाद से पूरी दुनिया के लोग वहां घुमने जा रहे थे, पहलगाम जो पर्यटन के नजर से बहुत बड़ा प्लेस है।

इस हमले के जरिए आतंकी गुटों ने देश और दुनिया को यह संदेश देने की कोशिश की है कि कश्मीर अब भी सुरक्षित नहीं है. इस तरह के हमले पूरी दुनिया की नजर आते हैं, अंतरराष्ट्रीय मीडिया का ध्यान खींचते हैं और भारत के दुश्मन देशों को भारत की स्थिरता पर सवाल उठाने का मौका मिल जाता है।


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