दिल्ली के लाल किला मेट्रो स्टेशन के पास सोमवार शाम को हुए कार ब्लास्ट ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया. एक धीमी गति से चल रही हुंडई i20 कार में भयानक विस्फोट में नौ लोग मारे गए और 20 से अधिक घायल हो गए।
एजेंसियों को अब तक की जांच में जो सबसे बड़ा क्लू मिला है उसके आधार पर यह कहा जा रहा है कि यह हमला फरीदाबाद के रेडिकल नेटवर्क ‘फरीदाबाद मॉड्यूल’ से जुड़ा हुआ है।
सीसीटीवी फुटेज और फोरेंसिक सबूतों से संदिग्ध सुसाइड बॉम्बर के रूप में फरीदाबाद के डॉक्टर उमर उ नबी की पहचान हुई है. ब्लास्ट स्थल से बरामद एक कटा हुआ हाथ का ही माना जा रहा है, जिसकी डीएनए जांच के लिए कश्मीर में उनके परिवार के सैंपल लिए जा रहे हैं.
यह हमला सोमवार शाम पीक आवर्स के दौरान रेड फोर्ट मेट्रो स्टेशन के पास हुआ. सूत्रों के मुताबिक कार में भारी मात्रा में विस्फोटक लदा था, जो संभवतः ड्राइवर द्वारा ही ट्रिगर किया गया. विस्फोट इतना जोरदार था कि कार के परखचे उड़ गए और आसपास के वाहनों व पैदल यात्रियों को भारी नुकसान पहुंचा. घटनास्थल पर पहुंची दिल्ली पुलिस और एनडीआरएफ की टीमें ने रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, लेकिन मौतों की संख्या नौ तक पहुंच गई. घायलों को नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया, जहां कई की हालत गंभीर बनी हुई है. दिल्ली पुलिस ने पूरे शहर में हाई अलर्ट जारी कर दिया है, जबकि सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा से हमलावर की पहचान तेजी से हुई।
जांचकर्ताओं ने पुष्टि की है कि संदिग्ध हमलावर डॉक्टर उमर उ नबी है, जो का मूल निवासी है. 24 फरवरी 1989 को जन्मे उमर के पिता गुलाम नबी भट एक सरकारी शिक्षक थे, जो मानसिक रूप से अस्वस्थ होने के कारण 10-15 साल पहले नौकरी छोड़ चुके थे. उमर की मां शमीमा बानो कोयिल, पुलवामा की रहने वाली है. परिवार में दो भाई और एक बड़ी बहन हैं. एक भाई और बहन शादीशुदा हैं, जबकि एक भाई अविवाहित. पुलिस ने उमर के दोनों भाइयों और मां को हिरासत में ले लिया है. सूत्र बताते हैं कि उमर श्रीनगर के गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज से एमडी मेडिसिन में डिग्री ली थी।
इसके बाद वह जीएमसी अनंतनाग में सीनियर रेजिडेंट रहा और फिर दिल्ली चला आया. वर्तमान में वह फरीदाबाद के अल-फलाह मेडिकल कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर तैनात था. एक सीनियर जांच अधिकारी ने न्यूज18 को बताया कि फरीदाबाद और जम्मू-कश्मीर पुलिस की कार्रवाई के बाद उमर घबरा गया. वह फरार चल रहा था. उसने अपने पास मौजूद विस्फोटकों का इस्तेमाल करने का फैसला अचानक लिया।
CCTV फुटेज से खुला राज
CCTV फुटेजमें एक नीले शर्ट वाले व्यक्ति को कार के पास देखा गया, जो उमर ही माना जा रहा है. यह इमेज ब्लास्ट से ठीक पहले की बताई जा रही है।
फोरेंसिक टीम ने ब्लास्ट साइट से बरामद कटे हुए हाथ को कार ड्राइवर का बताया है, जो उमर का हो सकता है. कश्मीर में उसके परिवार के डीएनए सैंपल लिए जा रहे हैं ताकि पहचान पक्की हो सके. यह खुलासा दिल्ली-एनसीआर और जम्मू-कश्मीर में चल रही व्यापक जांच का हिस्सा है।
सूत्रों के अनुसार उमर एक ग्रुप ऑफ मेडिकल प्रोफेशनल्स का हिस्सा था, जो एन्क्रिप्टेड टेलीग्राम चैनलों के जरिए रेडिकलाइज्ड हो चुके थे. इस ‘फरीदाबाद मॉड्यूल’ में डॉक्टर अदील का नाम भी प्रमुखता से आ रहा है, जो उमर का करीबी सहयोगी है. अदील भी जांच के दायरे में है।
मॉड्यूल के सदस्यों ने मेडिकल प्रोफेशन की आड़ में आतंकी गतिविधियों को अंजाम दिया, जिसमें विस्फोटक जुटाना और नेटवर्क बनाना शामिल था. फरीदाबाद पुलिस ने हाल ही में इस मॉड्यूल पर छापेमारी की थी, जिसके बाद उमर फरार हो गया।
















