रिपोर्टर बलवंत सिंह रावत
रानीखेत। सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के सीमांत मुख्यालय रानीखेत के परिसर में 16.07.2025 को उत्तराखंड का लोकपर्व हरेला धूमधाम से मनाया गया।
इस अवसर पर वृक्षारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बल कार्मिकों और उनके परिजनों ने विभिन्न प्रजाति के पौधों का रोपण किया जिसमें अनार,देवदार,बांझ,पुतली, कनौल व अन्य प्रजाति के कुल 180 पौधे शामिल थे।
यह लोकपर्व श्रावण माह में मनाये जाने वाला हरेला सामाजिक रूप से अपना विशेष महत्व रखता है तथा समूचे कुमाऊँ में अति महत्वपूर्ण त्यौहारों में से एक माना जाता है ।
जिस कारण इस अन्चल में यह त्यौहार अधिक धूमधाम के साथ मनाया जाता है । उत्तराखण्ड में श्रावण माह में पड़ने वाले हरेला का अधिक महत्व है । हरियाली या हरेला शब्द पर्यावरण के काफी करीब है । ऐसे में इस दिन सांस्कृतिक आयोजन के साथ ही पौधारोपण भी किया जाता है ।
जिसमें लोग अपने परिवेश में विभिन्न प्रकार के छायादार व फलदार पौधे लगाते हैं । सावन लगने से नौ दिन पहले आषाढ़ में हरेला बोने के लिए किसी थालीनुमा पात्र या टोकरी का चयन किया जाता है । इसमें मिट्टी डालकर गेहूँ, जौ, धान, गहत, भट्ट, उड़द, सरसों आदि 5 या 7 प्रकार के बीजों को बो दिया जाता है ।
नौ दिनों तक इस पात्र में रोज सुबह को पानी छिड़कते रहते हैं । दसवें दिन इसे काटा जाता है । 4 से 6 इंच लम्बे इन पौधों को ही हरेला कहा जाता है । घर के सदस्य इन्हें बहुत आदर के साथ अपने शीश पर रखते हैं । घर में सुख-समृद्धि के प्रतीक के रूप में हरेला बोया व काटा जाता है।
इसके मूल में यह मान्यता निहित है कि हरेला जितना बड़ा होगा उतनी ही फसल बढ़िया होगी। साथ ही प्रभू से फसल अच्छी होने की कामना भी की जाती है ।
इस कार्यक्रम ने, परीक्षित बेहेरा, उप-महानिरीक्षक सीमांत रानीखेत, डॉ ओ.बी. सिंह उप-महानिरीक्षक (चिकित्सा) व डॉ जयंत कुमार शर्मा, कमांडेंट (पशु चिकित्सक), श्री प्रभाकर , उप- कमांडेंट, अनिल कुमार जोशी, उप-कमांडेंट व अन्य बल कर्मी तथा परिवार जन शामिल थे |

