रिपोर्टर- बलवंत सिंह रावत
रानीखेत। अमित कुमार महानिरीक्षक सीमान्त मुख्यालय सशस्त्र सीमा बल रानीखेत के निर्देशन में 22 सितंबर, 2025 को “शारदीय नवरात्रि” के शुभ अवसर पर सीमांत परिसर में स्थित “सर्वधर्म स्थल” में प्रथम दिवस को कलश स्थापना के साथ ही मानव जीवन व रानीखेत की जनमानस के लिए सुख-समृद्धि हेतु पूजा अर्चना की गई।
नवरात्रि सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि आध्यात्मिक जागृति, आत्मशुद्धि और शक्ति जागरण का उत्सव है । इन 9 दिनों में मां दुर्गा के 9 अलग-अलग रूपों की पूजा होती है हर दिन एक विशेष देवी और एक गहरा जीवन-संदेश लेकर आता है ।
मार्कण्डेय पुराण, दुर्गा सप्तशती और देवी भागवत पुराण में इन रूपों की महिमा का बखान है। पहला दिन मां शैलपुत्री को समर्पित है और ये आत्मबल के साथ ही स्थिरता का प्रतीक हैं । घोड़े पर सवार पर्वतराज हिमालय की पुत्री के हाथ में त्रिशूल और कमल विद्यमान है ।
प्रतिपदा यानी नवरात्र का पहला दिन और किसी भी यात्रा की शुरुआत आत्मबल यानी खुद पर विश्वास के साथ होती है । नौ दिन का ये पर्व भी तो यात्रा ही है । दूसरा दिन मां ब्रह्मचारिणी का है, जो संयम और साधना की शक्ति मानी जाती हैं ।
हाथ में जप माला और कमंडल, तपस्विनी स्वरूप मां की आराधना का सहज संदेश और अनुशासन है। ऐसे गुण जिनसे जीवन में धीरज का संचार होता है।
कार्यक्रम में परीक्षित बेहरा (उप महानिरीक्षक), दुर्गा बहादुर सोनार (उप महानिरीक्षक), अधिकारीगण, अधीनस्थ अधिकारी व बल कार्मिको शामिल थे।















