अल्मोड़ा। महाविद्यालय कुणीधार, मानिला में बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) विषय पर “Empowering Minds: Understanding How IPR Protects Ideas, Innovations and Creations” शीर्षक एक दिवसीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रभारी प्राचार्य डॉ. गोरखनाथ ने की।
कार्यशाला का संचालन IPR सेल कोऑर्डिनेटर डॉ. महेश कुमार (रसायन विभाग) एवं को–कन्वीनर डॉ. कविंद्र भट्ट (अंग्रेजी विभाग) द्वारा किया गया। यह कार्यक्रम उत्तराखंड राज्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद (UCOST), देहरादून द्वारा प्रायोजित था, जिसके लिए महाविद्यालय की तरफ से विशेष आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि इंडियन पेटेंट ऑफिसर श्री हरप्रीत कैन्थ रहे, जिन्होंने पेटेंट प्रक्रिया, आविष्कारों की सुरक्षा एवं वैश्विक IPR ढांचे पर विस्तार से प्रकाश डाला। Guest of Honor श्री हिमांशु गोयल, Scientist–II, UCOST–PIC ने कॉपीराइट, ट्रेडमार्क, इंडस्ट्रियल डिज़ाइन एवं GI Tag के व्यावहारिक पहलुओं पर उपयोगी जानकारी प्रदान की।
विशेष अतिथि डॉ. महेश चंद्र विश्वकर्मा ने Creative Commons Licensing की महत्वपूर्ण अवधारणाओं को सरल तरीके से समझाया, जबकि डॉ. शैफाली सक्सेना ने IPR के बहुआयामी स्वरूप और इसके उद्योग एवं रोजगार क्षेत्र में महत्व पर चर्चा की।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. जितेंद्र प्रसाद, डॉ. खिल्ला कोरंगा, डॉ. संतोष पंसारी, डॉ. रेखा, डॉ. गर्गी लोहानी, डॉ. भावना अग्रवाल, डॉ. उदय शर्मा, डॉ. नरेश, डॉ. अंजू निगम तथा प्रियांका बेलवाल सहित अनेक संकाय सदस्यों एवं विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।
छात्रों ने विशेषज्ञों से संवाद स्थापित कर पेटेंट, कॉपीराइट, ट्रेडमार्क तथा अन्य IPR साधनों के बारे में व्यवहारिक जानकारी प्राप्त की, जिससे यह कार्यशाला ज्ञानवर्धक एवं प्रेरणादायक सिद्ध हुई।

