अल्मोड़ा। राजकीय शिक्षक संघ उत्तराखंड के आह्वान पर आज जिला मुख्यालय अल्मोड़ा में एक भव्य मौन जुलूस निकाला गया।
यह जुलूस मात्र एक प्रदर्शन नहीं, बल्कि शिक्षकों की उपेक्षा और अधिकारों की अनदेखी के विरुद्ध गूंजता हुआ संदेश था।
जहाँ आज पूरे भारतवर्ष में शिक्षक दिवस हर्षोल्लास से मनाया जा रहा है, वहीं उत्तराखंड के शिक्षक विवश होकर सड़कों पर उतरने को बाध्य हैं। कारण स्पष्ट है।
सभी स्तरों पर स्थानांतरण की पारदर्शी व्यवस्था,
शत-प्रतिशत पदोन्नति,
तथा प्रधानाचार्य की सीधी भर्ती का विरोध।
इन्हीं मांगों की अनदेखी के विरोधस्वरूप शिक्षकों ने शिक्षक दिवस का बहिष्कार करते हुए सरकार तक अपनी पीड़ा पहुँचाने का संकल्प लिया।
ब्लॉक अध्यक्ष ताड़ीखेत, डॉ. शिवराज सिंह बिष्ट ने कहा—
“विद्यालय में शिक्षक अपना कर्तव्य पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं, शिक्षण कार्य अविराम जारी है। किंतु अपने हक और सम्मान की लड़ाई के लिए 18 अगस्त 2025 से हम निरंतर आंदोलनरत हैं। सरकार को यह समझना होगा कि शिक्षक केवल पाठशाला तक सीमित नहीं, बल्कि समाज की आत्मा और भविष्य का निर्माता है।”
आज के इस मौन जुलूस में जिला अध्यक्ष भूपाल सिंह चिलवाल, मंत्री राजू मेहरा, चंदन सिंह मेहरा, नवीन लाल वर्मा, राधा नबियाल, शिवदत्त पांडे, दिगंबर सिंह बिष्ट, पंकज टम्टा, दीपचंद, प्रदीप कुमार वर्मा, मीता वर्मा सहित 11 ब्लॉकों से आए सैकड़ों शिक्षक उपस्थित रहे।
