खून की होली… सिपाही के भाई समेत तीन की हत्या, चार आरोपित गिरफ्तार; गांव में तैनात थी पुलिस

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होली पर रठौड़ा गांव में सिपाही के भाई समेत तीन लोगों की हत्या कर दी गई। गांव में पुलिस डेरा डाले हुए थी। उसके बावजूद यहां खून की होली खेली गई।

गांव में तनाव बना है। एहतियातन पुलिस बल तैनात है। पुलिस ने चार आरोपितों को पकड़ा है।

बागपत। रठौड़ा निवासी 35 वर्षीय अमित पुत्र बुद्धू सिंह हरियाणा के पानीपत में कंपनी में नौकरी करते थे। वह 12 मार्च को अपनी पत्नी सलोनी और तीन बच्चाें के साथ होली मनाने के लिए गांव आए थे। छोटे भाई गुलवीर सिंह का कहना है कि स्वजन शुक्रवार शाम होली खेल रहे थे। उनके पिता घर के मुख्य दरवाजे में चारपाई पर बैठे हुए थे।

तमंचा लेकर घर में घुस आए आरोपित

आरोप है कि गांव के युवक सागर ने पिता बुद्धू सिंह के साथ गाली-गलौज की। आपत्ति करने पर उनके साथ झगड़ा किया। थोड़ी देर बाद सागर ने अपने भाई अक्षय व वंश के साथ मिलकर तमंचे से घर में घुसकर गोली चलाई। पहली गोली उसके बराबर से होकर गुजरी। दूसरी गोली भाई अमित के सीने में मारी गई। अस्पताल ले जाते समय अमित की रास्ते में मौत हो गई।

उन्होंने एक युवक से तमंचा छीनकर पुलिस को सौंप दिया। आरोपित तमंचे लहराते और जान से मारने की धमकी देते हुए भाग गए। कुलवीर ने आरोपित सागर, अक्षय व वंश के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया है।

इसी गांव के सोहनवीर उर्फ सोनू, यूपी पुलिस में बुलंदशहर में कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। उनका छोटा भाई 23 वर्षीय मनीष उर्फ मोनू अविवाहित था और ट्रक चलाता था। शनिवार सुबह गांव के अनुसूचित जाति के ख्याली के गेहूं के खेत की मेड़ पर मनीष का गोली लगा शव मिला।

स्वजन का आरोप है कि मनीष की हत्या सागर व अक्षय ने अपने साथियों के साथ मिलकर गोली मारकर की तथा शव को खेत में डाल दिया। मनीष और आरोपित दोस्त थे। उसके पिता ने आरोपित सागर, अक्षय, बादल, नितिन व परविंदर के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।

पत्नी पर भी किया लोके ही रॉड से हमला

इससे पहले मनीष ने अपने साथियों के साथ मिलकर किसान रामफल के मकान में शाम 6.45 बजे घुसकर उनकी पत्नी बीरमती पर लोहे की राड से वार किया था। बचाव में आए रामफल पर भी हमला किया था। वह दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए थे।

उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उनके बेटे सोनू ने आरोपित मनीष व उसके साथियों के खिलाफ घटना का मुकदमा दर्ज कराया था। बीरमती की शनिवार शाम दिल्ली के जीटीबी अस्पताल में उपचार के दौरान मौत हो गई। घटना से गांव में तनाव बना है। एसपी अर्पित विजयवर्गीय ने जांच कर स्थिति का जायजा लिया।

साढ़े नौ साल पहले हुआ था जेल से रिहा

पुलिस के मुताबिक मनीष पर करीब 10 साल पहले मलकपुर गांव के ट्रक चालक की हत्या का आरोप था। केस अदालत में विचाराधीन है। साढ़े नौ साल जेल में रहने के बाद छह माह पहले उसकी जमानत पर जेल से रिहाई हुई थी। उसके विरुद्ध कई मुकदमे दर्ज हैं।


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