चिता सजाई गई, रीति-रिवाज के सामान लिए. कफन हटा तो फेल हुआ 50 लाख वाला प्लान
दिल्ली से आए कारोबारी की सामने आई इंश्योरेंस थ्योरी
गंगा किनारे अंतिम संस्कार तो आपने बहुत देखे होंगे, लेकिन ऐसा ‘अंतिम संस्कार’ शायद ही कभी देखा होगा, जिसमें चिता सजाई गई, रस्मों का सामान खरीदा गया, माहौल भी बना… और जब शव की चादर हटाई गई तो अंदर कोई इंसान नहीं… बल्कि पुतला निकला।
शव का अंतिम संस्कार होने ही वाला था कि तभी वहां मौजूद एक युवक को कुछ शक हुआ, जैसे ही उसने शव से कफन हटाया उसके होश उड़ गए. शव के स्थान पर चिता पर एक पुतला लेटा हुआ था।
हापुड़ स्थित गढ़मुक्तेश्वर के ब्रजघाट पर गुरुवार को एक चौंकाने वाली घटना घटी थी।
दो युवक एक शव लेकर अंतिम संस्कार करने पहुंचे थे. शव का अंतिम संस्कार होने ही वाला था कि तभी वहां मौजूद एक युवक को कुछ शक हुआ, जैसे ही उसने शव से कफन हटाया उसके होश उड़ गए. शव के स्थान पर चिता पर एक पुतला लेटा हुआ था. इस मामले में पुलिस ने दो युवकों को गिरफ्तार किया था।
पुलिस जांच में सामने आया है कि पूरी साजिश बीमा की रकम को प्राप्त करने के लिए रची गई थी. इंस्पेक्टर मनोज कुमार बालियान ने बताया कि दिल्ली के कैलाशपुरी इलाके का रहने वाला कमल सोमानी उत्तम नगर की जैन कॉलोनी के रहने वाले अपने दोस्त आशीष खुराना को साथ लेकर आया था जिसने करोल बाग स्थित अंशुल कुमार पुत्र धर्मराज के अंसारी अस्पताल में निधन होने का बहाना बनाकर उसके शव के स्थान पर एक डमीनुमा पुतले का दाह संस्कार करने का प्रयास किया।
पुलिस के मुताबिक, कमल सोमानी ने पूछताछ में बताया कि वह कपड़े की दुकान करता है और 50 लाख रुपए से अधिक के कर्ज में दबा हुआ है. इस कर्ज को चुकाने के लिए उसने एक साजिश रची।
अपनी दुकान में काम करने वाले का भाई का किया बीमा, भरी किस्त
उसने कुछ समय पहले अपनी दुकान में काम करने वाले नीरज से बहाना बनाकर उसके भाई अंशुल का आधार और पेनकार्ड मंगा लिया था. अंशुल के दस्तावेजों का दुरुपयोग करते हुए उसने एक साल पहले अंशुल का टाटा एआई का इंश्योरेंस करा लिया था. इसके बाद कमल बीमा की नियमित किस्त अदा करने लगा।
अंशुल को मरा दिखाकर बीमा की रकम हड़पने की कोशिश
बीमा की रकम हड़पने के लिए वह अंशुल को मरा हुआ दिखाना चाहता था. कमल ने पुलिस को बताया कि अगर वह पुतले का दाह संस्कार करने में सफल हो जाता तो वह दाह संस्कार के आधार पर बीमा क्लेम लेकर अपना कर्ज चुकता कर देता. हालांकि अब कमल की सारी उम्मीदों पर पानी फिर गया है और अब वह सलाखों के पीछे चक्की पीसेगा।
चार युवक, एक कार और चादर में ‘शव’
गढ़मुक्तेश्वर स्थित प्रसिद्ध गंगा घाट ब्रजघाट पर गुरुवार को दिल्ली से आए चार युवक HR नंबर की i20 लेकर पहुंचे. श्मशान कर्मी नितिन को लगा सब सामान्य है लोगों ने घी लिया, लकड़ियां लीं, चिता सजवाई… लेकिन फिर शुरू हुआ सस्पेंस।
दरअसल, शव को चादर में लिपटा हुआ ही चिता पर लेटा दिया, जिससे वहां मौजूद स्थानीय लोगों को कुछ गड़बड़ लगी. तो लोगों ने शव से चादर हटाने की बात कही. इस दौरान वो चादर हटाने से लगातार बचते रहे, तो श्मशान घाट कर्मियों को भी शक हुआ।
पुलिस पहुंची, दो व्यापारी पकड़े गए, दो फरार
दबाव डालकर जब चादर हटवाई गई तो अंदर से एक प्लास्टिक का पुतला (मैनीक्विन) निकला. सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने दिल्ली के दो कपड़ा व्यापारियों कमल सोमानी और आशीष खुराना को हिरासत में ले लिया, जबकि उनके दो साथी फरार हो गए।
कार से दो और प्लास्टिक के पुतले भी मिले. कड़ाई से पूछताछ में कमल सोमानी ने पुलिस को बताया कि वह 50 लाख रुपए के कर्ज में डूबा था. कर्ज चुकाने के लिए उसने एक जान पहचान वाले युवक अंशुल के दस्तावेज किसी बहाने से ले लिए थे।
इंश्योरेंस के 50 लाख के लिए रची ‘फर्जी मौत’ की साजिश
इतना ही नहीं, उसने अंशुल के नाम से करीब एक साल पहले टाटा AIA का 50 लाख का लाइफ इंश्योरेंस करा दिया, जिसमें खुद को नॉमिनी बनाया. इस दौरान वो नियमित रूप से बीमा के किस्त भी भरता रहा, ताकि किसी को शक न हो।
कमल की योजना थी कि पुतले को अंशुल का शव दिखाकर अंतिम संस्कार किया जाए, फिर मृत्यु प्रमाण पत्र लेकर इंश्योरेंस क्लेम कर लिया जाए. कमल ने स्वीकार किया कि उसने दुकान से मैनीक्विन उठाया और उसे शव की तरह चादर में लपेटकर ब्रजघाट पहुंचा था।
श्मशान घाट पर काम करने वाले नितिन ने बताया कि दो युवक HR नंबर की i20 कार से आए. उन्होंने घी और अंतिम संस्कार के सामान खरीदा और चिता सजाने को कहा. जब नितिन ने पूछा, ‘शव चादर में ही क्यों? तो युवक लगातार गोल-गोल बात घुमाने लगे।
नितिन को लगा कि मामला कुछ ज़्यादा ही गोल-मोल है. दबाव बढ़ा…बहस हुई और आखिर चादर हटाई गई. तो पुतला देखकर सभी दंग रह गए. नितिन ने तुरंत पुलिस को सूचना दी. पुलिस के पहुंचते ही चार में से दो युवक भाग निकले, जबकि दो को पकड़ लिया गया।
पुलिस ने मौके पर मिले मोबाइल से अंशुल को वीडियो कॉल किया. अंशुल ने बताया कि वह सुरक्षित है और कुछ दिनों से प्रयागराज स्थित अपने घर में रह रहा है. कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज बालियान के अनुसार, हिरासत में लिए गए दोनों व्यापारियों से हर पहलू पर पूछताछ की जा रही है और मामले की गहन जांच जारी है।
कोतवाली प्रभारी निरीक्षक मनोज बालियान ने बताया कि कमल सोमानी और उसके साथी के खिलाफ धोखाधड़ी, फर्जीवाड़ा और साजिश से जुड़े गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कर दिया है।
फरार दो अन्य युवकों की तलाश जारी है. वहीं, अब 50 लाख का फ्रॉड, पुतलों का काफिला और गंगा किनारे घटित यह पूरी घटना अब सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बनी हुई है।

