अल्मोड़ा। राजकीय महाविद्यालय, तल्ला सल्ट, अल्मोड़ा में उत्तराखण्ड राज्य की रजत जयंती के उपलक्ष्य में विभिन्न रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए गए, जिसमें विगत एक सप्ताह से महाविद्यालय में चित्रकला प्रतियोगिता, लोकनृत्य, लोकगीत व “उत्तराखण्ड विकास की यात्रा ” शीर्षक पर महाविद्यालयी विद्यार्थियों ने अपने-अपने वक्तव्य उपस्थापित किए, प्रातः वेला की श्रृंखला में महाविद्यालय के योग शिक्षक श्री अखलाश कुमार द्वारा स्वस्थ स्वास्थ्य हेतु सम्पूर्ण महाविद्यालय को योगाभ्यास करवाया गया तदनन्तर उत्तराखण्ड राज्य के 25 वर्ष पूर्ण होने पर महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डॉ० चन्द्रा गोस्वामी ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि, हमारा उत्तराखण्ड हमें कई शहादतों व बलिदान के उपरान्त प्राप्त हुआ है जिसकी अखण्डता व नैतिकता की गरिमा हम सभी को मिल कर अपने नैतिक उत्तरदायित्वों का पूर्णनिष्ठा व ईमानदारी से निर्वहन कर करना होगा तभी हम इस युवा उत्तराखण्ड को हिमालय की उच्च शिखरों तक ले जाने में सहयोगी बन पायेंगे ।
हिन्दी विभाग के प्राध्यापक डॉ० गिरीश चन्द्र ने सभी को राज्य स्थापना की शुभकानाएं दी और कहा कि उत्तराखण्ड राज्य निर्माण में हमारे आन्दोलनकारियों ने अपना सर्वस्व त्यागा है जिसमें खटिया, मसूरी, रामपुर तिराहा काण्ड ऐसे हैं जिसमें हमारे आन्दोलनकारियों को बहुत सी यातनाओं से गुजरना पड़ा । जिसके लिए हम उन सभी आन्दोलकारियों को नतमस्तक होकर शत्-शत् प्रणाम करते हैं।
इतिहास विभाग की प्राध्यापिका डॉ० गरिमा पाण्डेय ने पृथक् उत्तराखण्ड राज्य की मांग कहाँ से और कैसे हुई, कैसे हमारी माताओं, बहनों ने राज्य प्राप्ति हेतु नारा दिया *बाड़ी मण्डुवा खाएंगे उत्तराखण्ड बनायेंगे* आदि-आदि विषयों पर विशद विवेचना की ।
अंग्रेजी विभाग की प्राध्यापिका डॉ0 रितिका गिरी गोस्वामी ने कहा कि, हम सभी के लिए यह अत्यन्त सौभाग्य का विषय है कि हम इस पावन देवभूमि में वास कर रहे है जिसके कण-कण में प्रकृति की सौन्दर्यता का हमे अवलोकन करने का अवसर प्राप्त होता है ।
संस्कृत विभाग के प्राध्यापक डॉ० अंकित मनोड़ी ने कहा कि, उत्तराखण्ड राज्य की रजत जयन्ती के अवसर पर हम सब को मिलकर संकल्प लेना होगा कि हम राज्य की संस्कृति, सभ्यता, विरासत, परम्परा को अखण्ड व अक्षुण्ण बनाये रखने में अपनी कटिबद्धता का पूर्ण परिचय देंगे और जिन कठिन परिश्रमों से हमारे पूर्वजों द्वारा हमारे हित के लिए पृथक् राज्य की कल्पना की हमें उनके उस परिश्रम को हृदयगत करते हुए राज्य के विकास में अपना अमूल्य योगदान देना होगा ।
इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त छात्र- छात्रायें, कर्मचारी बन्धु व प्रशासनिक अधिकारीगण उपस्थित रहे ।
















