चमोली के माणा में सेना ने 14 और श्रमिक का किया रेस्क्यू

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प्रधानमंत्री मोदी ने माणा रेस्क्यू ऑपरेशन की मुख्यमंत्री धामी से ली जानकारी

उत्तराखंड के चमोली में बर्फबारी हो रही है। इसके चलते बद्रीनाथ से 4 किलोमीटर दूर माणा गांव के पास अचानक ग्लेशियर टूट गया।

जिसके कारण 57 मजदूर दब गए। मजदूरों को निकालने के लिए बचाव अभियान जारी है, जिसमें 16 मजदूरों को बचा लिया गया है।

उत्तराखंड में माणा के निकट हुए हिमस्खलन के कारण सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) के फंसे श्रमिकों के लिए रेस्क्यू अभियान लगातार जारी है. भारतीय सेना ने 14 और श्रमिकों को रेस्क्यू कर लिया गया है।

स्थिति का जायजा लेने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने शुक्रवार शाम को आपदा नियंत्रण कक्ष का दौरा किया और अधिकारियों को बचाव कार्यों को तेजी से पूरा करने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में राहत और बचाव कार्यों की जानकारी भी दी. साथ ही पीएम मोदी द्वारा राज्य को हर संभव मदद दिए जाने के आश्वासन के बारे में भी बताया।

मुख्यमंत्री ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “प्रातःकाल मैंने माणा के निकट हुए हिमस्खलन में फंसे श्रमिकों के बचाव अभियान की विस्तृत जानकारी ली. जिन श्रमिकों को कल बाहर निकाला गया था, उनमें से गंभीर रूप से घायल श्रमिकों को हायर सेंटर भेजने के लिए एयरलिफ्ट करने हेतु अधिकारियों को निर्देशित किया है।

मैं स्वयं भी चमोली के लिए रवाना हो रहा हूं. मौसम साफ होते ही राहत और बचाव कार्यों में तेजी लाई जाएगी. प्रभु बदरी विशाल की कृपा और बचावकर्मियों के अथक परिश्रम से हम सभी फंसे श्रमिकों को जल्द से जल्द सुरक्षित निकालने का प्रयास कर रहे हैं।

माणा में चल रहे एवलांच रेस्क्यू ऑपरेशन में जोशीमठ बेस कैंप से हेली रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया गया है. अब तक दो निजी हेलीकॉप्टरों को बद्रीनाथ धाम की ओर भेजा गया है।

सड़क मार्ग पर लामबगड़ से आगे भारी हिमपात की सूचना मिलने के बाद हेली रेस्क्यू ऑपरेशन पर पूरा ध्यान केंद्रित किया गया है. राज्य सरकार ने फंसे हुए मजदूरों के परिवारों के लिए एक हेल्पलाइन भी शुरू की है, जो विभिन्न राज्यों से आए हैं. मुख्यमंत्री ने कहा, “हम बस यही प्रार्थना कर रहे हैं कि सभी लोग सुरक्षित बाहर आ जाएं।”

बता दें कि आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने बताया कि खराब मौसम के कारण बचाव कार्य में कई चुनौतियां आ रही हैं. पहले खबर आई थी कि 57 मजदूर फंसे हैं, लेकिन बाद में पता चला कि उनमें से दो मजदूर छुट्टी पर थे।

इस प्रकार कुल 55 मजदूर हिमस्खलन की चपेट में आए थे।

उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के अनुसार, ये मजदूर बिहार, उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, पंजाब, जम्मू-कश्मीर और अन्य राज्यों के रहने वाले हैं, हालांकि 10 मजदूरों के गृह राज्य की जानकारी अब तक उपलब्ध नहीं हो पाई है।


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