पेड़ लगाने के पैसों से खरीद लिए आईफोन और लैपटॉप, सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव से मांगा जवाब

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वृक्षारोपण और वन विकास के फंड से उत्तराखंड के अधिकारियों ने आईफोन, लैपटॉप, फ्रिज और कूलर तक खरीद लिए. इन पैसों का इस्तेमाल वन विभाग की इमारतों के सुंदरीकरण, अधिकारियों के दौरे और अदालती मामलों के खर्च के तौर पर भी किया गया।

कैम्पा फंड कहे जाने वाले इन पैसों के अनुचित इस्तेमाल पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी नाराजगी जताई. कोर्ट ने उत्तराखंड के मुख्य सचिव से हलफनामा दाखिल करने को कहा है।

व्यक्तिगत पेशी की दी चेतावनी

जस्टिस बी आर गवई और ऑगस्टिन जॉर्ज मसीह की बेंच ने कहा है कि 19 मार्च तक अगर मुख्य सचिव ने मामले में हुई कार्रवाई को लेकर संतोषजनक जवाब नहीं दिया, तो उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार की तरफ से कैम्पा फंड की बकाया राशि का करोडों रुपए का ब्याज SCAF (राज्य क्षतिपूर्ति वनीकरण कोष) में जमा न करवाए जाने पर भी सफाई मांगी है।

क्या है कैम्पा फंड?

वन भूमि का इस्तेमाल विकास कार्यों में होने की स्थिति में होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए 2002 में सुप्रीम कोर्ट ने Compensatory Afforestation Fund Management and Planning Authority (CAMPA) बनाने का निर्देश दिया था. CAMPA हर राज्य के स्तर पर काम करता है. इसका मुख्य काम वन का संरक्षण और पेड़ काटने से हुए नुकसान की भरपाई करते हुए वन का दोबारा विकास करना है।

CAG रिपोर्ट से सामने आई गड़बड़ी

वनों से जुड़े मामले में बतौर एमिकस क्यूरी कोर्ट की सहायता कर रहे वरिष्ठ वकील के.परमेश्वर ने उत्तराखंड के कैम्पा फंड को लेकर CAG की ऑडिट रिपोर्ट की चर्चा की. उन्होंने बताया कि इस रिपोर्ट के अनुसार कैम्पा के पैसे वनों के विकास की जगह ऐसे कामों में खर्च किए गए जिनकी कानूनन अनुमति नहीं है।

राज्य सरकार ने 2019 से 2022 की अवधि के लिए 275.34 करोड़ रुपए की ब्याज देनदारी भी SCAF में जमा नहीं करवाई है।


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