द्वाराहाट वन क्षेत्र के विभिन्न भागों में वनाग्नि की घटनाएं, समय पर की गई कार्रवाई से टली बड़ी क्षति
रिपोर्टर बलवंत सिंह रावत
रानीखेत। द्वाराहाट वन क्षेत्र के अंतर्गत तड़ागताल, खीड़ा, सूखाताल, खुजरानी एवं गोग्यानी क्षेत्रों में बड़े स्तर पर वनाग्नि की घटनाएं सामने आईं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, यह आग नाप भूमि से उठकर समीपवर्ती वन क्षेत्रों में फैल गई, जिससे वन संपदा को खतरा उत्पन्न हुआ।
स्थिति की गंभीरता को देखते हुए वन अनुभाग अधिकारियों के नेतृत्व में पाँच टीमें—जिनमें वन दरोगा, वन रक्षक एवं फायर वाचर शामिल थे, तत्काल घटनास्थलों की ओर रवाना की गईं। सभी टीमों ने लगातार प्रयास करते हुए आग पर नियंत्रण पाने का कार्य किया। वही आवश्यकता पड़ने पर सोमेश्वर रेंज से अतिरिक्त वनकर्मियों को भी बुलाया गया।
वन क्षेत्राधिकारी द्वाराहाट द्वारा उपकरण, पानी एवं अन्य आवश्यक संसाधनों की त्वरित व्यवस्था सुनिश्चित की गई, साथ ही उप प्रभागीय वनाधिकारी, अल्मोड़ा द्वारा स्वयं सभी प्रभावित स्थलों का निरीक्षण कर स्थिति का जायज़ा लिया। उन्होंने आग के संभावित कारणों की समीक्षा की तथा स्टाफ की आवश्यकताओं का मूल्यांकन किया।
यह संपूर्ण अभियान प्रभागीय वनाधिकारी, अल्मोड़ा दीपक सिंह के कुशल निर्देशन एवं मार्गदर्शन में किया गया। उनके नेतृत्व में कर्मचारियों की सुरक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता देते हुए समन्वित प्रयासों के माध्यम से आग पर प्रभावी नियंत्रण पाया गया।
विभाग की तत्परता, कुशल प्रबंधन एवं आपसी समन्वय के चलते एक बड़ी क्षति को समय रहते टाल दिया गया है।
वर्तमान में भी प्रभावित क्षेत्रों में सतत निगरानी जारी है, ताकि किसी भी प्रकार की पुनरावृत्ति से बचा जा सके।
