केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 1 फरवरी को संसद में बजट पेश करेंगी. इससे पहले हुए एक सर्वे में बजट को लेकर लोगों के मन में हताशा नजर आई।
सर्वे में ज्यादातर लोगों ने कहा कि महंगाई के कारण घर चलाना मुश्किल हो रहा है और उन्हें आगे भी स्थिति सुधरने की उम्मीद नहीं है।
सी-वोटर ने अपने इस प्री-बजट सर्वे में पूरे देशभर के अलग-अलग हिस्सों के 5,269 लोगों से बातचीत की. इसमें लोगों ने चौंकाने वाले जवाब दिए. करीब दो-तिहाई लोगों ने कहा कि महंगाई पर किसी का ध्यान नहीं जा रहा है और मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद यह लगातार बढ़ती जा रही है।
आधे से ज्यादा लोगों ने कहा कि बढ़ती महंगाई का उनके जीवन स्तर पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है, उनके लिए एक अच्छी जिंदगी जीना मुश्किल हो रहा है।
‘ये साल और खराब जाएगा’
इस सर्वे में करीब आधे लोगों ने यह भी कहा कि उनकी आय जैसी थी वैसी ही है, कोई बदलाव नहीं आया लेकिन पिछले साल में खर्च लगातार बढ़ता गया. दो-तिहाई लोगों ने यह भी कहा कि बढ़ता खर्च अब मैनेज करना मुश्किल होता जा रहा है।
37% लोगों ने तो यह तक कह दिया कि उन्हें इस साल भी स्थिति सुधरने की कोई खास उम्मीद नहीं है. इनके मुताबिक आने वाला साल आय और खर्च के अनुपात के हिसाब से और खराब हो सकता है।
विकास दर कम रहने के अनुमान
भारत विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है लेकिन इस वित्त वर्ष में उसकी विकास दर पिछले चार सालों में सबसे कम रहने की उम्मीद है।
ऐसे में इस सप्ताह पेश होने वाले बजट में मोदी सरकार विकास दर को रफ्तार देने के लिए कुछ खास उपाय करने के ऐलान कर सकती है।
इसके साथ ही लोगों की आय बढ़ाने और महंगाई को नियंत्रण में रखने की कोशिशों के तहत भी कुछ घोषणाएं हो सकती हैं।
बता दें कि भारत में वर्तमान में बेरोजगारी भी एक बड़ी समस्या है।
सरकार को नए रोजगार के सृजन करने के क्षेत्र में भी बजट में कुछ उपाय पेश करने होंगे।