उत्तराखंड अधीन सेवा चयन आयोग (UKSSSC) ग्रेजुएट लेवल भर्ती के पेपर लीक को लेकर इन दिनों उत्तराखंड में घमासान मचा हुआ है. बेरोजगार युवा आंदोलन कर रहे हैं तो वहीं प्रदेश सरकार डैमेज कंट्रोल के लिए जुटी हुई है।
हालांकि देखा जाए तो ये पहला मामला नहीं है, जब उत्तराखंड में पेपर लीक का मामला सामने आया हो. कुल जमा देखें तो ऐसे मामले सामने के बाद उत्तराखंड सरकार एक सख्त नकल रोकने का कानून लागू करने का दावा करती रहती है, लेकिन इसके बाद भी उत्तराखंड से पेपर लीक का मामला सामने आया है. वहीं इस बार भी पुलिस की गिरफ्त में हाकम सिंह है, लेकिन अब बेरोजगार CBI जांच की मांग कर रहे हैं।
आइए UKSSSC ग्रेजुएट लेवल भर्ती के पेपर लीक के पूरे मामले को समझते हैं. जानते हैं कि उत्तराखंड का नकल रोकने के लिए बनाए गए कानून में क्या है?
416 पदों पर भर्ती… परीक्षा और पेपर लीक
इस पूरे मामले पर आगे बढ़ने से पहले UKSSSC ग्रेजुएट लेवल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक पर एक नजर डालते हैं. असल में आयोग ने पटवरी, लेखपाल समेत अन्य विभागों के लिए 416 पदों पर भर्ती के लिए 9 अप्रैल से आवेदन प्रक्रिया शुरू की थी. इसी कड़ी में 21 सितंबर को प्रदेशभर में परीक्षा का आयोजन किया गया, लेकिन परीक्षा शुरू होने के आधा घंटा बीत जाने के बाद ही पेपर के तीन पेज सोशल मीडिया पर वायरल हो गए।
श्रीगनर गढ़वाल में तैनात असिस्टेंट प्रोफेसर सुमन ने दावा किया कि किसी खालिद नाम के व्यक्ति ने उन्हें व्हाट्सएप के माध्यम से पेपर के तीन पेजे थे. सुमन की तरफ से मामला सार्वजनिक किए जाने के बाद इस मामले को लेकर प्रदेश में घमासान मच गया. पेपर खत्म होने के बाद मिलान करने पर लीक पेज सही पाए गए।
इस मामले में पुलिस ने खालिद नाम के व्यक्ति को पकड़ा है. सरकार पेपर लीक में संगठित गिरोह के होने की आशंकाओं को खारिज कर रही है. तो वहीं सरकार इसे नकल जिहाद बता रही है और जांच के लिए SIT गठित कर दी गई है तो वहीं बेरोजगार युवाओं ने प्रदेशभर में प्रदर्शन शुरू कर दिया है और CBI जांच की मांग कर रहे हैं।
उत्तराखंड में नकल विरोधी कानून में क्या प्रावधान
उत्तराखंड सरकार 2023 में सख्त नकल विरोधी कानून लेकर आई थी. इस कानून में प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शी और नकल विरोधी बनाने के उद्देश्य से कई प्रावधान किए गए हैं. कानून के तहत दोषियों पर 10 करोड़ तक के जुर्माने और आजीवन कारावास का प्रावधान किया गया है. इसके बाद भी ये मामला सामने आया है।
पहले भी हो चुके हैं पेपर लीक, रद्द करना पड़ा था एग्जाम
उत्तराखंड में प्रतियाेगी परीक्षाओं का पेपर लीक हो जाना कोई नया नहीं है. इससे पहले भी कई परीक्षाओं के पेपर लीक होने के मामला सामने आ चुका है. तो वहीं नकल कराने के कई संगठित गिरोह भी पकड़ जा चुके हैं. 2016 में ग्राम विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियां सामने आई थी. इसी तरह 2021 में भी ग्राम विकास अधिकारी भर्ती परीक्षा में गड़बड़ियां सामने आई थी, जिसके बाद इसे रद्द कर दिया गया था।
मास्टर माइंड हाकम सिंह की संपति हो चुकी हैं अटैच, बेगुनाह साबित हो फिर सक्रिय
उत्तराखंड में बीते सालों में हुए पेपर लीक के मामले में राज्य पुलिस ने हाकम सिंंह रावत को मास्टरमाइंड बताया था. हाकम सिंह के खिलाफ कार्रवाई भी गई, जिसके तहत 2023 में हाकम सिंह को जेल भेजने समेत उसकी संपत्ति अटैच कर ली गई थी, लेकिन वह सुप्रीम कोर्ट से बरी साबित हो गया।
इसके बाद हाकम सिंह फिर सक्रिय हो गया. UKSSSC 2025 परीक्षा से एक दिन पहले भी देहरादून पुलिस ने हाकम सिंंह को गिरफ्तार किया था. हाकम सिंह पर भर्ती में पास कराने के एवज में 15 लाख रुपये मांगने का आरोप था।
प्रदेशभर में फैला आंदोलन, रामलीला में उठा मुद्दा
UKSSSC 2025 परीक्षा पेपर लीक के खिलाफ आंदोलन प्रदेशभर में फैलता हुआ दिख रहा है. एक तरफ देहरादून में जहां प्रदर्शन जारी है. वहीं दूसरी तरफ कई जिलों से प्रदर्शन की खबरें आ रही हैं।
इस बीच रामलीला में भी हाकम सिंह और पेपर लीक का मुद्दा उठा है, जिसका वीडियो वायरल है. वीडियो में एक किरदार हाकम सिंह और पेपर लीक पर बात करता हुआ दिख रहा है।















