विकासखण्ड भिकियासैंण के ग्राम सभा रिखाड़ के अन्तर्गत श्री शांति धाम रक्षेश्वर महादेव के निकट बनायी गई गौशाला मे मृतक मिले गौवंश।
रिपोर्ट- बलवन्त सिंह रावत
रानीखेत/भिकियासैंण। विकासखण्ड भिकियासैंण के ग्राम सभा रिखाड़ के अन्तर्गत श्री शांति धाम रक्षेश्वर महादेव के निकट बनायी गई गौशाला मे गौवंश मृतक पड़े मिले है। जिससे क्षेत्रीय जनता मे आक्रोश है।
इसी क्रम मे श्री शांति धाम रक्षेश्वर महादेव समिति द्वारा पशुपालन मंत्री उत्तराखण्ड सरकार, जिलाधिकारी अल्मोडा़, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी अल्मोड़ा व उप जिलाधिकारी भिकियासैंण को पत्र के माध्यम से मंदिर के निकट बनी गौशाला की स्थिती को देखते हुए कार्रवाही करने की माग की गई है।
बता दे कि श्री शांति धाम रक्षेश्वर महादेव के निकट बनायी गई गौशाला जोकि लगभग दो, तीन साल पहले अवारा व पालतू गौवंश के लिए बनायी गई। जिसको विधायक निधि व सांसद निधि से ब्लॉक भिकियासैंण द्वारा बनाया गया।
जहा पर वर्तमान मे 24 गाय रखी गई है। जिसका संचालन शंकर दत्त फुलारा द्वारा किया जा रहा है। यहा पर पालतू गायों को रखने के लिए गाय के मालिक से लगभग 2500.00 रुपया प्रति गाय लिया जाता है। जिसके बाद गायों को इस गौशाला मे रखा जाता है।
जहा पर कुछ दिन पूर्व एक गाय बीमार स्थिती मे व गोशाले के आस-पास मृतक गायों के अवशेष मिलने पर आस पास क्षेत्र की जनता ने बने हुए गौशाला के बारे मे जानकारी हासिल की, जिसमे यह पाया गया कि गौशाले मे गायों को रखने की व उनके चारे (घास) की कोई समुचित व्यवस्था है।
जिस कारण मंदिर के आस-पास व गौशाले के पास गाय मरी मिल रही है। वही कल एक गाय की बछिया मृत पायी गयी। इस व्यवस्था को देखकर क्षेत्रीय जनता मे आक्रोश व्याप्त है।
ग्रामीणों का कहना है कि गौशाला मंदिर श्री शांति धाम रक्षेश्वर महादेव के बिल्कुल निकट स्थित है। यहां पर आए दिन गौवंश की मौत हो रही है।
जिसे मंदिर दर्शन करने हेतू आने वाले श्रदालुओं को बहुत गंदी बदबू का सामना करना पड़ रहा है। चारों तरफ गौवंश के मृत शरीर और उनके बचे कंकाल ही दिखते हैं। जिसकी वजह से जंगली जानवरों का भय बना रहता है।
जिससे क्षेत्रीय जनता बहुत ही परेशान हैं। वही ग्रामीणों का कहना है कि शासन प्रशासन गौशाले को जल्दी से जल्दी हो सके बंद करवाएं या कही और शिफ्ट करें।
वही क्षेत्रीय जनता का कहना कि गौशाला स्वामी व सरकार अगर इस गौशाले को चलाना चाहती है तो गाय को संरक्षण दे और तरीके से दें, जिससे गाय बची रह सकेें।
यह गौशाला ना होकर इसे गौ वध शाला बना दिया है, ताकि इधर उधर से गाय को लाया जाए और उन्हें मरने के लिए इस गौशाला मे बंद कर दिया जाए।
समिति के अध्यक्ष नंदा बल्लभ रिखाडी का कहना है कि 22 तारीख को हमारी कार्यकारिणी का गठन हुआ। यहां पूरे इलाके का श्मशान घाट है, इसकी स्थिति सुधारनें के लिए हम यहां पहुंचे तो देखा की यहां बने गौशाला में गाय भूखी प्यासी है, और दोनों तरफ से ताले लगे हुए थे।
एक गाय तो ऐसी तड़प रही थी कि शायद वो पानी पिलाकर थोड़ा होश में आ जाती, पर दोनों तरफ से ताले लगे हुए थे और न ही घास की व्यवस्था थी, और हमारे लोग बता रहे हैं कि पिछले एक महीने से वो ऐसे ही पड़े हैं, न गाय को घास दी जा रही है न पानी।
उन्होने कहा कि पूजा के स्थान पर उन्होंने मरी हुई गाय फेंकने का स्थान बना दिया है। इसको लेकर स्थानीय जनता में बहुत रोष है। यदि इन्होंने जल्दी ही खोज खबर नहीं ली तो ये आंदोलन का रूप ले लेगा, और वह बहुत बड़ा होगा।
नंदा बल्लभ रिखाडी का कहना है कि गौशाला स्वामी अगर गायों को सही ढंग से नही रख सकते है तो इस गौशाले को बन्द कर दिया जाए। ताकि स्वच्छता बरकरार रहे।
गौशाला स्वामी शंकर दत्त फुलारा का कहना है कि गौशाले को बनते बनते लगभग ढाई तीन साल हो गए, और यहा पर काम चालू हुए 3 महीने हो गए है। यहा पर 5 अक्टूबर को कुछ गाय आई थी, और तब से ये शुरू हुआ। यहां करीब एक, दो कर्मचारीगण हमेशा रहते हैं।
जिनका काम गाय चराने के लिए खोलना, साफ सफाई करना, फिर उनकी निगरानी कर के शाम को उन्हें बंद करना। यदि कोई गाय प्यासी आ गई तो उन्हें पानी पिलाना, चरा खिलना। उन्होनें कहा कि हम एक कर्मचारी को 10000 रुपए देते हैं।
गौशाला बनाने के बारे मे शंकर दत्त फुलारा ने कहा कि यह गौशाला विधायक निधि, सांसद निधि से बना है, इसमें सरकार से कोई भी सहायता अभी तक नहीं मिली है।
यह गौशाला ब्लॉक भिकियासैंण द्वारा बनाया गया है। ये गौशाला ठेकेदार ललित जोशी द्वारा लगभग 12 लाख में बनाया गया है। बाकी पशुपालन विभाग मे इस गौशाले का पंजीकरण अभी तक नहीं हुआ है, इसलिए सरकार द्वारा कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल रही है।
इस अवसर पर ग्राम प्रधान अमोली हेमा रिखाडी, नंदा बल्लभ रिखाडी, दामोदर रिखाडी, राम चन्द्र रिखाडी, ख्याली दत्त शर्मा, ललित रावत, राजू मठपाल, जीवन सिंह, मदन सिंह, भवानी दत्त रिखाड़ी, दिनेश चंद्र, गोपाल सिंह, नरेंद्र सिंह बिष्ट सहित क्षेत्रीय जनता उपस्थित रहे।
















