अल्मोड़ा में तैनात एक प्रशासनिक अधिकारी साइबर ठगों के निशाने पर आ गए। गोल्डन ब्राइडज इनवेस्टमेंट कंपनी का हवाला देकर उन्हें 1 करोड़ 18 लाख रुपये से अधिक का भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ा।
शिकायत के बाद साइबर थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच प्रारंभ कर दी है।
व्हाट्सऐप कॉल से शुरू हुआ धोखे का सिलसिला
चार अगस्त को अधिकारी के मोबाइल पर आई एक अज्ञात महिला की व्हाट्सऐप कॉल ने मामले की शुरुआत की। कॉल न उठाने पर महिला ने मैसेज कर बताया कि वह गोल्ड माइनिंग और फॉरेक्स ट्रेडिंग का काम करती है।
उसने गोल्डन ब्राइडज इनवेस्टमेंट के नाम पर खाता बनवाकर तेज कमाई का लालच दिया।
दो माह में 1.18 करोड़ रुपये तक पहुंच गई निवेश राशि
महिला की बातों में आकर अधिकारी ने चार अगस्त 2025 से 12 अक्टूबर 2025 के बीच कुल ₹1,18,28,672 राशि जमा कर दी। खाते में कथित तौर पर तेजी से बढ़ता बैलेंस देखकर उन्हें किसी प्रकार का शक नहीं हुआ।
जीएसटी के नाम पर 42 लाख रुपये और मांगने लगे ठग
जब अधिकारी ने अपने इनवेस्टमेंट को निकालने का आवेदन डाला, तो कंपनी की ओर से कहा गया कि पहले 18% जीएसटी यानी 42 लाख रुपये जमा करने होंगे। इतने भारी टैक्स की मांग से पीड़ित को धोखाधड़ी का अहसास हुआ।
अल्मोड़ा साइबर थाने के प्रभारी अरुण कुमार ने बताया कि अज्ञात साइबर अपराधियों के खिलाफ केस दर्ज कर दिया गया है।
डिजिटल लेनदेन, कॉल रिकॉर्ड, व्हाट्सऐप चैट और बैंक विवरण के आधार पर जांच आगे बढ़ाई जा रही है।
पुलिस ने पीड़ित को आश्वासन दिया है कि आवश्यक कार्रवाई की जाएगी।

