हल्द्वानी : रिश्वतखोरी के मामले में वन दरोगा दोषी, तीन साल की सजा

Share the News

हल्द्वानी। उत्तराखंड सतर्कता अधिष्ठान की कार्रवाई में रामनगर के गुलजारपुर वन चौकी के तत्कालीन वन दरोगा शैलेन्द्र कुमार चौहान को रिश्वत लेने के आरोप में दोषी पाया गया है।

अदालत ने उन्हें तीन साल के कठोर कारावास और ₹25,000 जुर्माने की सजा सुनाई है। जुर्माना न भरने की स्थिति में छह महीने अतिरिक्त साधारण कारावास भुगतना होगा।क्या है मामला?जनपद ऊधमसिंहनगर निवासी फईम अहमद ने 01 अप्रैल 2019 को हल्द्वानी सतर्कता अधिष्ठान कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई थी।

शिकायत के अनुसार, फईम अहमद, नफीस अहमद और नियाज अली अपने डंपरों से रामनगर की कोसी नदी से रेत ढोने का कार्य करते थे। 07 मार्च 2019 को जब उनके डंपर टोकन कटवाकर नदी में गए, तो रेन्जर आर.के. वर्मा और वन दरोगा शैलेन्द्र चौहान ने उनके वाहनों को जब्त कर लिया और छोड़ने के एवज में रिश्वत की मांग की।

रंगे हाथ गिरफ्तारसतर्कता अधिष्ठान की नैनीताल सेक्टर ट्रैप टीम ने मामले की जांच की और शिकायत को सही पाया। इसके बाद 02 अप्रैल 2019 को वन दरोगा शैलेन्द्र कुमार चौहान को ₹1,00,000 रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया। रिश्वत की रकम मौके पर बरामद हुई।

मामले में धारा 07 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित 2018) के तहत केस दर्ज किया गया।अदालत का फैसलामामले की सुनवाई हल्द्वानी में विशेष न्यायाधीश (भ्रष्टाचार निवारण) नीलम रात्रा की अदालत में हुई। अभियोजन पक्ष की ओर से 15 गवाह पेश किए गए।

साक्ष्यों और गवाहों के आधार पर 01 अप्रैल 2025 को अदालत ने शैलेन्द्र कुमार चौहान को दोषी करार देते हुए तीन साल के कठोर कारावास और ₹25,000 के जुर्माने की सजा सुनाई।

सतर्कता विभाग की अपीलउत्तराखंड सतर्कता अधिष्ठान ने आम जनता से भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्क रहने और शिकायत दर्ज कराने की अपील की है। भ्रष्टाचार संबंधी शिकायतें टोल फ्री हेल्पलाइन नंबर 1064 या WhatsApp नंबर 9456592300 पर दर्ज कराई जा सकती हैं।

See also  रानीखेत : वन क्षेत्राधिकारी ने समय रहते रोका अतिक्रमण
error: Content is protected !!