तीन वर्षों तक कोविड-19 महामारी के कारण स्थगित रही कैलाश मानसरोवर यात्रा 30 जून 2025 से फिर से शुरू होने जा रही है।
उत्तराखंड सरकार और विदेश मंत्रालय (MEA) के संयुक्त प्रयासों से इस वर्ष यात्रा का आयोजन होगा। इस पवित्र यात्रा का संचालन परंपरागत लिपुलेख पास (पिथौरागढ़ जिला, उत्तराखंड) मार्ग से किया जाएगा।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के प्रयासों से इस वर्ष यात्रा संभव हो सकी है।
यात्रा का प्रारंभ और मार्ग
यह यात्रा 30 जून 2025 से दिल्ली से शुरू होगी। यात्रा के दौरान 5 समूह (प्रत्येक समूह में 50 यात्री, कुल 250 यात्री) लिपुलेख पास के माध्यम से चीन के क्षेत्र में प्रवेश करेंगे। पहला समूह 10 जुलाई 2025 को चीन पहुंचेगा और अंतिम समूह 22 अगस्त 2025 को वापस भारत लौटेगा।
प्रत्येक समूह के यात्रा मार्ग का विवरण इस प्रकार है:
- दिल्ली से प्रारंभ:
- 1 रात टनकपुर
- 1 रात धारचूला
- 2 रातें गुंजी
- 2 रातें नाभीढांग (तकलाकोट)
- कैलाश दर्शन के बाद वापसी:
- 1 रात बूंदी
- 1 रात चौकोड़ी
- 1 रात अल्मोड़ा
यात्रा का कुल समय 22 दिन का होगा।
स्वास्थ्य जांच और सुरक्षा
सभी यात्रियों की स्वास्थ्य जांच पहले दिल्ली में होगी। इसके बाद गुंजी पहुंचने पर आईटीबीपी (इंडो-तिब्बत बॉर्डर पुलिस) की मदद से दूसरी स्वास्थ्य जांच की जाएगी। यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाने के लिए विशेष तैयारियां की गई हैं।
आवेदन की पात्रता
यात्रा में शामिल होने के लिए निम्नलिखित शर्तें निर्धारित की गई हैं:
- भारतीय पासपोर्ट: आवेदक के पास 1 सितंबर 2025 तक न्यूनतम 6 महीने के लिए वैध भारतीय पासपोर्ट होना अनिवार्य है।
- आयु सीमा: 1 जनवरी 2025 को आवेदक की आयु न्यूनतम 18 वर्ष और अधिकतम 70 वर्ष होनी चाहिए।
- बीएमआई (BMI): शरीर का भार सूचकांक 25 या उससे कम होना चाहिए।
- स्वास्थ्य: शारीरिक और मानसिक रूप से यात्रा के लिए फिट होना आवश्यक है।
- विदेशी नागरिकता: विदेशी नागरिक और ओसीआई कार्डधारक इस यात्रा के लिए पात्र नहीं हैं।
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ऐतिहासिक यात्रा का महत्व
कैलाश मानसरोवर यात्रा हिंदू, बौद्ध और जैन धर्मों में विशेष धार्मिक महत्व रखती है। भगवान शिव का निवास स्थान माने जाने वाले कैलाश पर्वत और मानसरोवर झील की यात्रा आत्मिक शांति और मोक्ष की प्राप्ति के लिए की जाती है।
यात्रा का आयोजन
इस बार यात्रा का संचालन कुमाऊं मंडल विकास निगम (KMVN) द्वारा किया जाएगा। यात्रा के दौरान भक्तों को धार्मिक और प्राकृतिक अनुभव का अद्भुत मेल मिलेगा।
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उतीन वर्षों के लंबे अंतराल के बाद कैलाश मानसरोवर यात्रा का फिर से प्रारंभ होना श्रद्धालुओं के लिए उत्साहजनक खबर है। यह यात्रा न केवल आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है, बल्कि उत्तराखंड के प्राकृतिक सौंदर्य का भी अद्वितीय अनुभव देती है।