हल्द्वानी। राष्ट्रीय खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन उत्तराखंड राज्य में होना ये पूर्व मुख्यमंत्री स्व० पंडित नारायण दत्त तिवारी जी की भविष्य के लिए सुदूरवर्ती सोच के कारण ही संभव हो पाया है।
उत्तराखण्ड में खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के लिये उत्तराखण्ड के तत्कालीन मुख्यमंत्री एन० डी० तिवारी जी ने 04 फरवरी,2004 को नवीन मंडी हल्द्वानी में एक भव्य लोकार्पण व शिलान्यास कार्यक्रम में गौलापार अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम का शिलान्यास डा० इंदिरा हृदयेश,लोक निर्माण मंत्री, महेन्द्र सिंह मेहरा कृषि एवं जलागम प्रबंध मंत्री, तिलक राज बेहड़ स्वास्थ एवं परिवार कल्याण मंत्री, हरीश चन्द्र दुर्गापाल विधायक धारी विधानसभा की गरिमामयी उपस्थिति में किया गया था।
अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम की जो नींव स्व० तिवारी जी ने रखी तथा पूर्व मुख्यमंत्री माननीय श्री हरीश रावत जी के कुशल नेतृत्व में आज मूर्त रूप में “इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम एवं स्पोर्ट्स कांप्लैक्स गौलापार” के नाम से अपनी पहचान बना चुकी है। जिसमें अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम व अन्य प्रकार के खेलों हेतु इंडोर स्टेडियमों का निर्माण किया गया था।
स्व० नारायण दत्त तिवारी जी के इस दूर दृष्टि निर्माण को आज के नेता भूल रहे हैं जो कि बहुत ही अफसोस जनक व दुर्भाग्यपूर्ण है।
14 फरवरी को 38वें राष्ट्रीय खेलों के समापन समारोह का आयोजन “इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्टेडियम” गौलापार में किया गया। जहां से देश के गृहमंत्री श्री अमित शाह जी ने समापन समारोह संबोधित किया परंतु वह स्व.श्री नारायण दत्त तिवारी जी के ऐतिहासिक योगदान को स्मरण करना भूल गए जो कि बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।
स्व.तिवारी जी ने जो राज्य के विकास की मजबूत नींव रखी जिसमें आज उत्तराखंड राज्य मजबूती से खड़ा हुआ है उसे कभी भी नहीं भुलाया जा सकता है।
(1) नवोदित राज्य उत्तराखंड में युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए सिडकुल के अंतर्गत औद्योगिक क्रांति के तहत 1000 से अधिक उद्योगों की स्थापना।
(2) उत्तराखंड में सुलभ चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा के लिए डॉक्टर सुशीला तिवारी मेडिकल कॉलेज,रुद्रपुर मेडिकल कॉलेज,श्रीनगर मेडिकल कॉलेज एवं अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज व ऋषिकेश एम्स की स्थापना।
(3) टिहरी बांध,मनेरी भाली, धौली गंगा आदि जल विद्युत परियोजनाओं के माध्यम से विद्युत उत्पादन में राज्य को आत्मनिर्भर बनाया।
(4) ग्रामीण क्षेत्रों में किसानों को आर्थिक मजबूती प्रदान करने हेतु डेयरी विकास पशुधन विकास मछली पालन मौन पालन कृषि एवं उद्यानिकी का विकास।
( 5) कृषि उत्पादकों को उचित मूल्य एवं बाजार हेतु मंडी समिति का गठन किसानों को गाने के उचित मूल्य मिलने के लिए गन्ना समिति का गठन।
(6) उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी को नौकरी एवं पेंशन देकर सम्मानित किया।
(7) आई. आई.एम काशीपुर आई.एस.बी.टी.कानिया रामनगर की स्थापना।
( 8) इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय स्पोर्ट्स स्टेडियम देहरादून व गौलापार की स्थापना।
(9) सेंचुरी पल्प एंड पेपर मिल लाल कुआं की स्थापना।
(10) उत्तराखंड में जैव प्रौद्योगिकी कोर्ट बढा़वा।
(11) उत्तराखंड तकनीकी विश्वविद्यालय व संस्कृत विद्यालय की स्थापना।
(12) राज्य की संस्कृति धरोहर को संजोए रखने के लिए अल्मोड़ा में उदय शंकर राष्ट्रीय नाट् य अकादमी की स्थापना सहित अनेक विकास कार्य किये।
उत्तराखंड राज्य को स्पेशल वित्तीय पेकेज पर्वतीय व सबसे हरित राज्य होने की वजह से आज हम स्व० एन०डी० तिवारी जी के योगदान के फलस्वरूप उत्तराखंड राज्य विशिष्ट पहचान बना चुका है।
आज की सरकारें व राजनेता भले ही स्व. नारायण दत्त तिवारी जी के प्रयासों को भुला दें परंतु इस प्रदेश के युवा एवं जनता स्व.तिवारी जी एवं कांग्रेस सरकारों के ऐतिहासिक योगदान को हमेशा याद करेंगे।
विकास पुरुष पं०तिवारी ने दलगत,जातिगत,क्षेत्रवाद की राजनीति से ऊपर उठकर पूरे देश में अपनी अलग पहचान बनाई है जो सदैव राज्य के चहुंमुखी विकास के लिए सदैव याद की जायेंगी।