एमआईईटी कुमाऊं में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन संपन्न,शोधार्थियों को किया सम्मानित

Share from here

हल्द्वानी। लामाचौड़ स्थित एमआईईटी कुमाऊं कॉलेज में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन किया गया।

सम्मेलन में सतत विकास के लिए कृषि विज्ञान स्टैम और स्वास्थ्य में उभरते रुझान विषय पर कुल 307 शोधार्थियों ने शोध पत्र प्रस्तुत किए दूसरे दिन रसायन विज्ञान लाइफ साइंस इनोवेशन स्वास्थ्य देखभाल नवाचार स्वास्थ्य विज्ञान के शोधकर्ताओं ने 124 शोध पत्रों पर चर्चा की ।

इस दौरान कॉलेज के प्रबंधन कंप्यूटर एप्लीकेशन नर्सिंग और पैरामेडिकल के स्नातक छात्रों ने शोध पोस्टर प्रस्तुति दी।

विद्यार्थियों ने पर्वतीय क्षेत्रों में स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं एवं उनके समाधान पर पोस्टर प्रस्तुत किये।

समापन समारोह में मुख्य अतिथि आईसीएआर-भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान नैनीताल के संयुक्त निदेशक डॉ यशपाल सिंह मलिक, उत्तराखंड सरकार के रेशम उत्पादन विकास विभाग के उप निदेशक कुमाऊं मंडल हेम चंद्र और प्रबंध निदेशक एमआईईटी कुमाऊं डॉ बी.एस बिष्ट ने शोधार्थियों को प्रमाण पत्र एवं सम्मान चिन्ह प्रदान किये इस दौरान विभिन्न शोध पत्रों में से सर्वश्रेष्ठ शोध पत्र पुरस्कार प्रदान किए गए।

कृषि श्रेणी में उमा पंत, गणित में राधा जोशी और निर्मल नियोलियों, इंजीनियरिंग में डॉ. योगेश बी और तरन्नुम नवाचार में अनुप्रिया शर्मा, रसायन विज्ञान में सोनी जोशी और शिवा विश्वास स्वास्थ्य देखभाल में डॉ लता आर्या और अभीत बघेल, जीव विज्ञान में दीपा बिष्ट, डॉ. दीप्ति नेगी, डॉ. सी. एस. बोरा, तथा भौतिकी में श्रद्धा भगत को यह सम्मान प्रदान किया गया।

रिसर्च पोस्टर प्रेजेंटेशन प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार मैनेजमेंट श्रेणी के दिव्यांश गुप्ता और ललित को प्रदान किया गया, जिसके अंतर्गत 2 हजार 600 रुपए का नगद पुरस्कार दिया गया।

द्वितीय स्थान पर कंप्यूटर एप्लीकेशन श्रेणी के अभिषेक खत्री, कुणाल भट्ट और महेंद्र मेहता को सम्मानित किया गया, जिन्हें 1 हजार 500 रुपए का नगद पुरस्कार प्रदान किया गया ।

तृतीय स्थान पर पैरामेडिकल श्रेणी के असनिया, प्रियांशी और दिव्या को चुना गया, जिन्हें 1 हजार का नगद पुरस्कार प्रदान किया गया।

इसके अतिरिक्त, सांत्वना पुरस्कार के रूप में नरसिंह से आंचल, स्तुति, अमीषा और अभीदेश, पैरामेडिकल से के. करन, बीसीए से रिया मेहरा, तथा बीबीए से हिमानी और दिव्यांशु को 500 रुपए के नगद पुरस्कार से सम्मानित किया गया।

मुख्य अतिथि डॉ. यशपाल सिंह मलिक ने छात्रों को वैज्ञानिक सम्मेलनों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे मंचों से छात्रों को विभिन्न वैज्ञानिक दृष्टिकोणों को समझने का अवसर मिलता है।

उन्होंने शिक्षकों की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए छात्रों को निरंतर परिश्रम करने और अपने लक्ष्यों के प्रति समर्पित रहने की प्रेरणा दी।

उन्होंने कहा कि सफलता के लिए संघर्ष और त्याग आवश्यक हैं, और विज्ञान को जीवन से जोड़ते हुए अधिक से अधिक अनुसंधान करना चाहिए विशिष्ट अतिथि हेमचंद्र ने छात्र-छात्राओं को फिटनेस एवं व्यक्तित्व विकास के प्रति जागरूक किया।

उन्होंने रेशम विभाग द्वारा निर्मित पेंटिंग्स प्रदर्शित कीं और छात्रों को स्वयं सहायता समूह की महिलाओं से संवाद करने का अवसर प्रदान किया।

अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि रेशम का विकास, महिलाओं के सशक्तिकरण का प्रतीक है। इससे न केवल आर्थिक समृद्धि बढ़ती है, बल्कि समाज में महिलाओं की आत्मनिर्भरता भी सुनिश्चित होती है।

एमआईईटी कुमाऊं के प्रबंध निदेशक डॉ. बी. एस. बिष्ट ने बताया कि यह अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन उत्तराखंड विज्ञान शिक्षा एवं अनुसंधान केंद्र (यूसर्क) के सहयोग से आयोजित किया गया।

सम्मेलन में कृषि, जीवन विज्ञान, रसायन विज्ञान, इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी से जुड़े शोधकर्ताओं ने अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। सम्मेलन में 35 से अधिक राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए। 


Share from here
See also  पुलिस ने 1 किलो 643 ग्राम चरस के साथ 3 युवकों को किया गिरफ्तार
error: Content is protected !!