वसीयत और सुसाइड नोट बरामद… अब खुलेगा IPS पूरन की मौत का राज? पत्नी के जापान से लौटने पर होगा पोस्टमार्टम
हरियाणा ADGP अधिकारी ने खुद को मारी गोली, IAS पत्नी जापान दौरे पर, जानें कौन हैं वो और क्यों उठाया खौफनाक कदम
हरियाणा के सीनियर IPS अधिकारी वाई पूरन कुमार द्वारा चंडीगढ़ में गोली मारकर आत्महत्या करने के मामले में एक नया मोड़ सामने आया है। पुलिस के विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, घटनास्थल से 9 पेज का एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है।
इस नोट में हरियाणा के एक वर्तमान IPS अधिकारी और दो पूर्व IPS अधिकारियों के नाम दर्ज हैं। दो दिन पूर्व रोहतक के अर्बन एस्टेट थाने में रोहतक रेंज के तत्कालीन IG वाई पूरन कुमार के गनमैन के खिलाफ भ्रष्टाचार से संबंधित एक FIR दर्ज की गई थी।
पूरन कुमार को आशंका थी कि इस मामले में उन्हें भी फंसाया जा सकता है। चंडीगढ़ पुलिस अब इस पहलू पर भी जांच तेज कर रही है। मूल रूप से आंध्र प्रदेश के निवासी वाई पूरन कुमार हरियाणा पुलिस सेवा में लंबे समय से सेवा दे रहे थे।
डॉक्टरों का बोर्ड बुधवार को करेगा पोस्टमार्टम
पूरन कुमार का शव चंडीगढ़ के सेक्टर-16 स्थित मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। अस्पताल की निदेशक सुमन सिंह ने बताया कि डॉक्टरों का एक बोर्ड बुधवार को पोस्टमार्टम करेगा। वहीं, चंडीगढ़ की एसएसपी कंवरदीप कौर ने घटनास्थल का निरीक्षण करने के बाद कहा कि वाई पूरन कुमार ने निश्चित रूप से आत्महत्या की है। उनके सिर पर चोट के निशान हैं। अभी इससे अधिक कोई टिप्पणी नहीं की जा सकती। आत्महत्या के सटीक कारणों की जांच जारी है।
बेसमेंट में कुर्सी पर बैठकर कनपटी पर मारी गोली
वाई पूरन कुमार ने चंडीगढ़ के सेक्टर-11 स्थित 116 नंबर की कोठी में आत्महत्या की। वे अपनी पत्नी और एक बेटी के साथ इसी कोठी के ग्राउंड फ्लोर पर रहते थे। उनकी छोटी बेटी चंडीगढ़ में ही पढ़ाई कर रही है, जबकि बड़ी बेटी विदेश में उच्च शिक्षा ग्रहण कर रही है। मंगलवार को पूरन कुमार और उनकी छोटी बेटी घर पर थे। थोड़ी देर बाद पूरन कुमार कोठी के बेसमेंट में चले गए, जबकि बेटी अपने किसी कार्य में मशगूल हो गई। बेसमेंट पहुंचकर उन्होंने वहां रखी कुर्सी पर बैठते हुए अपनी पिस्तौल को कनपटी पर सटाकर ट्रिगर दबा लिया। वे मौके पर ही दम तोड़ बैठे। घटना का पता तब चला जब कुछ देर बाद बेटी बेसमेंट में गई और पिता का शव व खून देख लिया। घबरा कर उसने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम को सूचना दी।
पत्नी वरिष्ठ IAS अधिकारी, सीएम के जापान दौरे पर
वाई पूरन कुमार 2001 बैच के IPS अधिकारी थे। 29 सितंबर को ही उन्हें रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस ट्रेनिंग कॉलेज में IG के पद पर तैनात किया गया था। उनकी पत्नी अमनीत पी कुमार हरियाणा सरकार में वरिष्ठ IAS अधिकारी हैं और नागरिक उड्डयन विभाग की सचिव के रूप में कार्यरत हैं। अमनीत पी कुमार हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी के नेतृत्व वाले राज्य सरकार के प्रतिनिधिमंडल के साथ 5 अक्टूबर को जापान दौरे पर गई हैं। यह प्रतिनिधिमंडल 8 अक्टूबर की शाम को भारत लौटेगा।
ट्रांसफर के बाद से छुट्टी पर थे पूरन कुमार
पूरन कुमार का 29 सितंबर 2025 को तबादला हुआ था और वे तब से छुट्टी पर थे. वे इस समय पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (PTC), सुनारिया, रोहतक में इंस्पेक्टर जनरल (IG) के पद पर कार्यरत थे. सूत्रों के मुताबिक, तबादले से वे नाराज थे और उन्होंने इसे प्रशासनिक अपमान बताया था.
पूरन कुमार के परिवार में उनकी पत्नी, दो बेटियां और वृद्ध मां हैं. बड़ी बेटी अमेरिका में पढ़ाई कर रही है, जबकि छोटी बेटी चंडीगढ़ में रहती है. मंगलवार को घटना की सूचना के बाद उनकी मां और ससुराल वाले सेक्टर-11 स्थित आवास पहुंचे.
सुसाइड नोट में क्या लिखा है?
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, आठ पन्नों का सुसाइड नोट उनके कमरे से मिला है, जिसमें उन्होंने अपने नौकरी से असंतोष, भेदभावपूर्ण बर्ताव और मानसिक उत्पीड़न की बात कही है. नोट की सामग्री फिलहाल जांच के दायरे में है और इसे फॉरेंसिक विशेषज्ञों द्वारा सत्यापित किया जा रहा है.
चंडीगढ़ पुलिस ने कहा है कि घटनास्थल से बरामद इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों की जांच CFSL टीम करेगी. साथ ही, सुसाइड नोट और वसीयत की फॉरेंसिक जांच कराई जाएगी.
साउंड प्रूफ बेसमेंट में सर्विस गन से मारी गोली
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, अधिकारी वाई पूरन कुमार ने सुसाइड करने से पहले अपने सभी सुरक्षाकर्मियों को बाहर जाने के निर्देश दिए थे. इसके बाद वह अपने घर के बेसमेंट में गए, वहां रखी एक चेयर पर बैठे और अपनी सर्विस गन से सिर में गोली मार ली. घर का बेसमेंट साउंड प्रूफ था. इस कारण किसी को गोली चलने की आवाज तक नहीं सुनाई दी.
पुलिस के मुताबिक, कॉल मिलने के तुरंत बाद सेक्टर-11 थाना प्रभारी और सीएफएसएल की टीम मौके पर पहुंची. इस घटना के समय जो भी घर की बिल्डिंग में मौजूद था, पुलिस उन सभी से पूछताछ की गई है और बयान दर्ज किए गए हैं.
SSP कंवरदीप कौर ने बताया कि जांच सभी एंगल्स से की जा रही है. उन्होंने कहा, “1:30 बजे सूचना मिली कि सेक्टर 11 में एक रिपोर्टेड सुसाइड हुआ है. मौके पर SHO और टीम पहुंची. मृतक की पहचान ADGP वाई. पूरन कुमार के रूप में हुई. फॉरेंसिक टीम जांच कर रही है. मामले को हर एंगल से देखा जा रहा है.”
विवादों से जुड़ी रही पूरी सेवा अवधि
वाई पूरन कुमार हरियाणा कैडर के 2001 बैच के IPS अधिकारी थे. उनका करियर कई विवादों से घिरा रहा, जिसमें पदोन्नति विवाद, जातिगत भेदभाव के आरोप, प्रशासनिक उपेक्षा और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ मतभेद प्रमुख रहे. उन्होंने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाईं. वे आईजीपी (रोहतक रेंज), आईजीपी (कानून-व्यवस्था), आईजी (दूरसंचार) और हाल में आईजी, पुलिस ट्रेनिंग सेंटर (PTC) सुनारिया, रोहतक के पद पर तैनात रहे.
अपने दो दशक लंबे करियर में उन्होंने हरियाणा पुलिस की कई अहम इकाइयों का नेतृत्व किया था और एक ईमानदार, अनुशासित और पेशेवर अधिकारी के रूप में उनकी पहचान थी.
– 3 अगस्त 2020: शाहजादपुर पुलिस स्टेशन में एक मंदिर में पूजा करने गए तो तत्कालीन एसपी अभिषेक जोरवाल भी वहां मौजूद थे. बाद में इस पर सवाल उठे कि क्या मंदिर को सरकारी मंजूरी प्राप्त थी.
– 17 अगस्त 2020: तत्कालीन डीजीपी मनोज यादव ने उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया. पूरन ने इसे धार्मिक आधार पर उत्पीड़न बताते हुए SC/ST एक्ट के तहत शिकायत दर्ज कराई.
– 2022: आईजीपी (सिरसा रेंज) के तौर पर उन्होंने सिरसा पुलिस लाइंस में अनधिकृत मंदिर निर्माण पर कार्रवाई शुरू की, जिसके बाद उनके खिलाफ प्रशासनिक जांच बैठा दी गई.
– 11 अक्टूबर 2022: उन्होंने गृह सचिव टी.वी.एस.एन. प्रसाद को पत्र लिखकर 2001 बैच के IPS अधिकारियों की डीआईजी प्रमोशन और वेतन पुनरीक्षण की मांग की.
– फरवरी से अप्रैल 2023: उन्होंने एक वरिष्ठ IAS अधिकारी के खिलाफ लगातार 5 शिकायतें दीं, जिसमें उन्होंने हैरासमेंट और अपमान का आरोप लगाया. सरकार ने जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति बनाई, लेकिन पूरन कुमार ने समिति पर पक्षपात का आरोप लगाया.
– मार्च 2023: सरकार ने उन्हें IGP (होम गार्ड्स) के पद पर भेजा.
– अक्टूबर 2023: उन्होंने मुख्य सचिव संजीव कौशल को पत्र लिखकर कहा कि यह पद IPS कैडर पोस्ट नहीं है, इसलिए यह पोस्टिंग अवमानना और उत्पीड़न का प्रतीक है.
– अप्रैल 2024: IGP (टेलीकम्यूनिकेशन) के रूप में काम करते हुए उन्होंने अपनी सरकारी गाड़ी वापस कर दी, यह कहते हुए कि IPS अधिकारियों में भेदभावपूर्ण वाहन आवंटन किया गया है।
– मध्य 2024: उन्होंने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को पत्र लिखकर कई वरिष्ठ IPS अधिकारियों की पदोन्नति को ग़ैरकानूनी और गृह मंत्रालय के नियमों के विरुद्ध बताया. उन्होंने आरोप लगाया कि SC वर्ग से होने की वजह से उनकी शिकायतें लगातार अनसुनी की जा रही हैं।















