अल्मोड़ा। कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने आज सोबन सिंह जीना राजकीय मेडिकल कॉलेज अल्मोड़ा में पहुंचकर विश्वस्तरीय मशीनों तथा उपकरणों का लोकार्पण किया।
यहां उन्होंने 10.48 करोड़ रुपए से अधिक की धनराशि से स्थापित किए उपकरणों का उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि इन उपकरणों से एक ओर जहां क्षेत्रीय लोगों को लाभ मिलेगा।
वहीं दूसरी ओर अध्ययनरत छात्र छात्राओं को उच्च स्तरीय मेडिकल टेक्नोलॉजी से रुबरु किया जा सकेगा, जिससे उनमें चिकित्सा विज्ञान की बेहतर समझ विकसित हो सकेगी।
यहां उन्होंने 3.7170 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित की गई डिजिटल लाइब्रेरी, 1.6944 करोड़ रुपए के ऑक्सीजन बूस्टर प्लांट, रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग में डीएलसीओ जिसकी लागत 1.2479 करोड़ रुपए है।
दांत रोग विभाग में 1.34 करोड़ रुपए की लागत से स्थापित सीबीसीटी तथा 2.489 करोड़ रुपए की लागत से रेडियोलॉजी विभाग में फ्लोरोस्कोपी मशीन का लोकार्पण किया।
इस दौरान उन्होंने कहा कि सरकार अब तक अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज पर करीब 378 करोड़ रुपए व्यय कर चुकी है।
उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एवं मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को धन्यवाद दिया। उन्होंने कहा कि वर्तमान सरकार राज्य में स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ करने को संकल्पित है।
जो भी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के लिए आवश्यक होगा, वह शत प्रतिशत किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की कमी को जल्द ही दूर किया जाएगा।
यहां फैकल्टी के लिए आवास तथा एक ऑडिटोरियम भी बनाया जाएगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज में पीजी कॉर्स भी प्रारंभ किए जाएंगे।
1. दन्त रोग विभाग में स्थापित CBCT
सीबीसीटी या कोन बीम कंप्यूटेड टोमोग्राफी एक चिकित्सा इमेजिंग तकनीक है जो सिर और गर्दन की विस्तृत छवियां बनाने के लिए एक्सरे का उपयोग करती है। विशेष रूप से दांतों एवं जबड़े और आसपास की संरचनाओं पर ध्यान केंद्रित करती है।
यह सीटी स्कैनिंग का अधिक उन्नत रूप है जो पारंपरिक सीटी की तुलना में उच्च रिज़ोल्यूशन और कम विकिरण जोखिम प्रदान करता है। यह उपकरण पूर्व में दून मेडिकल कॉलेज में स्थापित किया गया है तथा कुमाऊँ के मरीजों को इसका लाभ मिल सके।
इस लिये यह राजकीय मेडिकल कॉलेज, अल्मोड़ा में स्थापित किया गया है। दंत चिकित्सक दांतों की सड़न, फ्रैक्चर सिस्ट और ट्यूमर जैसी स्थितियों के निदान के लिए सीबीसीटी स्कैन का उपयोग कर सकते हैं, साथ ही मौजूदा दंत चिकित्सा कार्य का मूल्यांकन भी कर सकते हैं।
सीबीसीटी से मैक्सीलरी साइनस में सूजन, रुकावट या असामान्यताओं का पता लगाया जा सकता है जिससे साइनसाइटिस या साइनस पॉलीप्स जैसी स्थितियों का निदान करने में मदद मिलती है। इस उपकरण की लागत रु 1.34 करोड़ है।
2. रेडियोलॉजी विभाग में फ्लोरोस्कोपी मशीन
फ्लोरोस्कोपी मशीन एक चिकित्सा इमेजिंग उपकरण है जो शरीर के अंदर की वास्तविक समय की चलती छवियों का उत्पादन करने के लिए एक्स-रे का उपयोग करता है।
यह स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं के अंगों, ऊतकों और हड्डियों जैसी आंतरिक संरचनाओं को गतिशील रूप में देखने की सुविधा देता है जिससे निदान में सहायता मिलती है और हस्तक्षेप प्रक्रियाओं का मार्गदर्शन मिलता है।
मशीन से शरीर के अन्दर के Real-time Moning images ली जाती है। इसमें मरीज को बेरीयम स्वैलो जिसमें खाने की नली में होने वाली बीमारियों का पता लगाया जता है।
बेरियम मील में मरीज के पेट सम्बन्धी रोगों की जाँच की जायेगी। महिलाओं में बांजपन की जाँच जिसमें गर्भाशय की बीमारियों का पता लगाया जाता है।
I.V.P. जिसमें गुर्दे की जाँचें तथा गुर्दे में पथरी की जाँच की जाँच की जाती है। मिक्चुरेटिंग सिस्टो-यूरोथ्रोग्राम, जो एक विशेष एक्स-रे परीक्षण है जिसमें मूत्राशय और मूत्रमार्ग की जाँच की जाती है।
डायनामिक डिजिटल फ्लोरोस्कोपी एक अत्याधुनिक मशीन है जिससे विशेष रेडियोलॉजी कार्य के परीक्षण किये जाते हैं तथा इस उपकरण की लागत रु 2.489 करोड़ है।
3. रैस्पीरेटरी मेडिसिन विभाग में DLCO उपकरण
पीएफटी का तात्पर्य पल्मोनरी फंक्शन टेस्ट से है जो परीक्षणों की एक श्रृंखला है जिसका उपयोग यह आंकलन करने के लिए किया जाता है कि मरीजों के फेफड़े कितनी अच्छी तरह काम कर रहे हैं।
ये परीक्षण फेफड़ों की मात्राए क्षमताए वायु प्रवाह और गैस विनिमय को मापते हैं तथा श्वसन संबंधी स्थितियों के निदान और प्रबंधन के लिए बहुमूल्य जानकारी प्रदान करते हैं। पी०एफ०टी० मशीन द्वारा फेफड़ों की कार्यक्षमता मापना पूरक इमेजिंग स्थितियों की पहचान पीएफटी वायु प्रवाह अवरोध प्रतिबंधात्मक फेफड़ों के रोग और खराब गैस विनिमय जैसी स्थितियों की पहचान कर सकता है।
पीएफटी का उपयोग फेफड़ों के प्रत्यारोपण के लिए रोगियों की उपयुक्तता और समय का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है। कुछ सामान्य पीएफटी में स्पिरोमेट्री फेफड़ों के आयतन और प्रवाह दर को मापना और प्रसार क्षमता परीक्षण फेफड़ों से रक्तप्रवाह में ऑक्सीजन के पारित होने की क्षमता को मापना शामिल हैं। इस उपकरण की लागत रु 1.2479 करोड़ है।
4. डिजीटल ई लाइब्रेरी
डिजिटल ई-लाइब्रेरी (e-library) एक ऐसा पुस्तकालय है जहाँ किताबें, पत्रिकाएँ, ऑडियो और वीडियो जैसे सभी प्रकार की सामग्री डिजिटल रूप से उपलब्ध हैं और उन्हें कंप्यूटर या मोबाइल जैसे उपकरणों के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है। यह पारंपरिक पुस्तकालयों की तरह है, लेकिन इसमें सामग्री को डिजिटल रूप में संग्रहीत और एक्सेस किया जाता है।
डिजिटल ई-लाइब्रेरी के कुछ लाभः –
स्थानीय पहुंच-आप अपने घर या कार्यालय से कही से भी डिजिटल ई-लाइब्रेरी को एक्सेस कर सकते हैं, जो एक पारंपरिक पुस्तकालय से ज्यादा सुविधाजनक है. डिजिटल ई-लाइब्रेरी में कई तरह की सामग्री होती है, जैसे कि ई-बुक्स, पत्रिकाएँ, ऑडियो और वीडियो, जो एक पारंपरिक पुस्तकालय में उपलब्ध नहीं हो सकती हैं।
डिजिटल ई-लाइब्रेरी में आप सामग्री को आसानी से खोज सकते हैं और डाउनलोड कर सकते हैं, जो समय की बचत करता है, डिजिटल ई-लाइब्रेरी में कागज की खपत कम होती है, जो पर्यावरण के लिए फायदेमंद है. भारत सरकार की घोषणा के अनुरूप डिजिटल लाईब्रेरी के माध्यम में पाठ्याक्रम को हिन्दी विषय में अध्ययन किया जा सकता है।
इस उपकरण की लागत रु 3.7170 करोड है। उत्तराखंड के मेडिकल कॉलेजों में अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज पहला कॉलेज है जहां ई लाइब्रेरी स्थापित हुई है।
5. ऑक्सीजन बूस्टर प्लान्ट
ऑक्सीजन बूस्टर प्लान्ट जो कि आक्सीजन सिलेंडर भरने हेतु बेस चिकित्सालय में लगाया गया है। पूर्व में ऑक्सीज सिलेंडर हल्द्वानी से भरवाये जाते थे, जिसमें ट्रांस्पोर्ट के दौरान दुर्गम भगौलिक स्थिति तथा मार्ग अवरोध होने के कारण ऑक्सीजन आपूर्ति में दिक्कतें आती थी ।
इस बूस्टर प्लान्ट द्वारा चिकित्सालय में टाइप-डी. टाइप-बी, ऑक्सीजन सिलेंडर उच्च गुणवत्ता के साथ कम समय में मरीजों की सुविधा हेतु चिकित्साय में 24 घण्टे आपूर्ति हेतु लगवाया गया है।
जिससे कि आई०सी०यू०, एन०आइ०सी०यू० तथा पी०आई०सी०यू० में लगे हुए उपकरणों की कार्य कुशलता हेतु निर्विद्ध रूप से उपलब्ध हो सकेगी। इस उपकरण की लागत 1.6944 करोड़ है।
इसके पश्चात कैबिनेट मंत्री डॉ धन सिंह रावत ने मेडिकल कॉलेज के सभागार में चिकित्सा विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग की समीक्षा की, जिसमें उनके द्वारा विभाग के कार्यों को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए गए।
यहां विधायक जागेश्वर मोहन सिंह मेहरा, अल्मोड़ा मनोज तिवारी, द्वाराहाट मदन सिंह बिष्ट, मेयर अल्मोड़ा अजय वर्मा, जिलाधिकारी आलोक कुमार पांडेय, मुख्य विकास अधिकारी दिवेश शाशनी, प्रिंसिपल अल्मोड़ा मेडिकल कॉलेज डॉ सीपी भैंसोड़ा, जिलाध्यक्ष भाजपा महेश नयाल समेत अन्य अधिकारी, भाजपा पदाधिकारी तथा मेडिकल कॉलेज के छात्र छात्राएं उपस्थित थे।