जम्मू-कश्मीर में सीमा पर पाकिस्तान की ओर से की गई फायरिंग में सीमा सुरक्षा बल (BSF) के सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज शहीद हो गए।
शनिवार, 10 मई 2025 को आर एस पुरा क्षेत्र में हुए क्रॉस बॉर्डर फायरिंग के दौरान मोहम्मद इम्तियाज ने वीरतापूर्वक अपनी जान की आहुति दी।
उनकी शहादत को लेकर बीएसएफ ने उन्हें सलाम किया और श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए रविवार (11 मई) को जम्मू के फ्रंटियर मुख्यालय में पुष्पांजलि सभा आयोजित की जाएगी।
पाकिस्तान की बौखलाहट
सीमापार से पाकिस्तान की कायराना हरकत जारी है। इस बार वह अलग तरीके से अपनी हिमाकत को अंजाम दे रहा है। पहले उसके हमले सीमावर्ती इलाकों के आसपास तक सीमित रहते थे, लेकिन इस बार वह शहर में रिहायशी इलाकों को ज्यादा फोकस कर रहा। ब्रिगेडियर हरचरण सिंह (सेवानिवृत्त) बताते हैं कि युद्ध के तरीके में यह बदलाव पाकिस्तान की बौखलाहट दिखा रही है।
हमारे सुरक्षाबल हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार
हमारे सुरक्षाबल हर चुनौती से निपटने के लिए तैयार हैं। सीमावर्ती आबादी के साथ शहर की रिहायशी इलाकों को निशाना बनाया जा रहा है, ताकि ज्यादा नुकसान हो। ऐसा कर पाकिस्तान अपने नागरिकों को बताएगा कि वह कितना सक्षम है। युद्ध सेवा मेडल से सम्मानित और कारगिल युद्ध के नायक ब्रिगेडियर कुशाहल ठाकुर ने कहा कि भारत ने एयर स्ट्राइक आतंकी ठिकानों पर की थी।
पहली बार पाकिस्तान ने जम्मू को बनाया निशाना
पाकिस्तान की कार्रवाई सिर्फ बौखलाहट है। जम्मू शहर को पहले कभी टारगेट नहीं किया गया था। इस तरह शहर के रिहायशी और सेना प्रतिष्ठानों को टारगेट करना पाकिस्तान सरकार व सेना अपने लोगों को दिखाना चाहती हे कि भारत के खिलाफ हमला करने में सक्षम है।
शहीद जवान की वीरता को सलाम
बीएसएफ ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट करते हुए कहा, “हम 10 मई 2025 को आर एस पुरा क्षेत्र, जिला जम्मू में अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर क्रॉस बॉर्डर फायरिंग के दौरान राष्ट्र की सेवा में बीएसएफ के बहादुर सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज द्वारा दिए गए सर्वोच्च बलिदान को सलाम करते हैं।
” पोस्ट में आगे कहा गया कि, “सब इंस्पेक्टर मोहम्मद इम्तियाज ने सीमा चौकी का नेतृत्व करते हुए वीरतापूर्वक नेतृत्व किया।” बीएसएफ के महानिदेशक (डीजी) और अन्य सभी रैंक ने उनके परिवार के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त की है।
बीएसएफ का शहीद जवान – मोहम्मद इम्तियाज
मोहम्मद इम्तियाज BSF की सीमा चौकी के प्रमुख के रूप में तैनात थे और उन्होंने शहादत के समय अपने कर्तव्य का निर्वहन करते हुए संघर्ष किया।
उनकी वीरता ने उनके साथियों और अधिकारियों को प्रेरित किया, और उनकी शहादत ने यह सिद्ध किया कि सुरक्षा बलों के जवान अपनी जान को जोखिम में डालकर देश की सुरक्षा की रक्षा करते हैं।