उत्तराखंड में प्रेमी संग पत्नी ने करवाई थी पति और ससुर की हत्या; आठ साल बाद अदालतन ने सुनाया फैसला

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प्रेमी के साथ मिलकर पति और ससुर की हत्या करवाने वाली महिला व उसके प्रेमी को  आजीवन कारावास की सजा

देहरादून। प्रथम अपर सत्र न्यायाधीश महेश चंद्र कौशिवा की अदालत ने प्रेमी के साथ मिलकर पति और ससुर की हत्या करवाने वाली महिला व उसके प्रेमी को कठोर आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।

अदालत ने दोनों को 55-55 हजार रुपये अर्थदंड भी लगाया है।

साथ ही मृतक राजेश राणा के पुत्र को एक लाख रुपये मुआवजे के रूप में देने के आदेश दिए हैं। मुआवजे की राशि नहीं देने पर जिलाधिकारी को दोषियों की संपत्ति कुर्क करके धनराशि देने को कहा है।

शासकीय अधिवक्ता अरविंद कपिल ने बताया कि पांच मार्च 2017 को रात दो बजे डोईवाला पुलिस को हरिद्वार हाईवे पर कुआंवाला के पास एक लावारिस खड़ी सेंट्रो कार में चादर और कंबल से लिपटे दो शव बरामद हुए। कार से बरामद दस्तावेजों से पता चला कि कार रायपुर क्षेत्र की यहने वाली दीपिका पत्नी राजेश राणा के नाम पंजीकृत है।

डोईवाला पुलिस ने रायपुर थाने से संपर्क किया तो पता चला कि शनिवार रात नौ बजे दीपिका ने शिकायत दी थी कि उनके पति राजेश राणा व ससुर प्रेम सिंह राणा बुलंदशहर के लिए निकले थे और अब तक नहीं लौटे हैं। उनके मोबाइल पर घंटी जा रही है, लेकिन फोन नहीं उठ रहा है। राजेश राणा व प्रेम सिंह के मोबाइल नंबर सर्विलांस पर लगाए गए तो दोनों की अंतिम लोकेशन मियांवाला में मिली।

पुलिस ने शक के आधार पर दीपिका से पूछताछ की तो उसने बताया कि उसके योगेश अरोड़ा निवासी तपोवन के साथ संबंधों की भनक उसके पति राजेश राणा को लग गई थी। इसलिए उसने प्रेमी के साथ मिलकर पति व ससुर को रास्ते से हटाने की योजना बनाई।

योजना के मुताबिक चार मार्च 2017 को योगेश अरोड़ा पीछे के दरवाजे से घर में दाखिल हुआ। इसके बाद उन्होंने राजेश और प्रेम सिंह का उन्हीं के बेडरूम में गला घोंटकर और फिर चाकू से गोदकर हत्या कर दी। रात ही दोनों के शव चादर और कंबल में लपेटकर कुआंवाला के पास कार में छोड़ दिए।

दोनों ने कार में पेट्रोल डालकर आग लगाने का प्रयास किया, लेकिन शीशा बंद होने के कारण आग बुझ गई। इस दौरान योगेश अरोड़ा का चेहरा भी झुलस गया था। अदालत ने आठ साल तक चाले इस केस में आरोपित दीपिका व योगेश अरोड़ा को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।

आठ साल का बेटा बना चश्मदीद गवाह

घटना वाली रात दीपिका और योगेश ने जब राजेश का गला दबाकर हत्या की तो इसकी भनक राजेश के पिता प्रेम सिंह राणा को लग गई। फंसने के डर से दोनों ने प्रेम सिंह राणा की भी बेरहमी से हत्या कर दी। यह पूरी घटना आठ साल के बेटे नकुल ने देखी और केस में चश्मदीद गवाह बना।

कालेज की दोस्त को राजेश ने बनाया था हमसफर

मूलरूप से बुलंदशहर के नारसेना थाना क्षेत्र के ग्राम सबदलपुर निवासी प्रेम सिंह राणा ने आर्डिनेस फैक्ट्री में नौकरी लगने के बाद तपोवन में ही घर बना दिया था। वर्ष 2000 में पत्नी के निधन के बाद जैसे-जैसे बच्चों को संभाला और तीन बेटियों की शादी की।

बेटे राजेश की शादी की बात आई तो पता चला कि राजेश कालेज के दोस्त दीपिका को पसंद करता था, जिसके बाद दोनों परिवार भी शादी के लिए राजी हो गए। वर्ष 2007 में दीपिका और राजेश की शादी हुई। वर्ष 2009 में दीपिका ने बेटे को जन्म दिया।

वर्ष 2011 में वहां किराये के मकान पर रहने के लिए आए योगेश अरोड़ा से दीपिका की नजदीकियां बढ़ गई। जब इसकी भनक राजेश को लगी तो उसने दीपिका को काफी सम्मक्षाने का प्रयास किया, लेकिन दीपिका ने तलाक का प्रस्ताव रख दिया।


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