नैनीताल के मल्लीताल में ब्रिटिश कालीन के समय बना पर्दा धारा खंडहर होकर नशेड़ियों का बना अड्डा
रिपोर्टर गुड्डू सिंह ठठोला
नैनीताल। प्राकृतिक जल श्रोतों में पानी तो सूखा ही और ये नशेड़ियों का अड्डा बन गया।
पिछले दिनों मुख्य न्यायाधीश ने भी पैदल दौरा करते हुए इसे रिस्टोर करने के निर्देश दिए हैं।
मल्लीताल में मस्जिद से नैनीताल क्लब को जाने वाले मोटर मार्ग में फायर स्टेशन के सामने ब्रिटिश कालीन के समय बना हुआ था कहां जाता है कि इन धाराओं में अंग्रेजों के कर्मचारी नहाया करते थे धारो में पुरुष सेक्शन के चार और महिला सेक्शन चार च पाइपों से लगभग एक एल डी पानी हर रोज उपलब्ध हुआ करता था, जो नैनी झील झील में पहुंचता था, और यही पानी नैनी झील को जीवन धारा प्राकृतिक जल स्रोत हुआ करता था।
कालांतर में इसपर अतिक्रमण हुआ और पेयजल श्रोतों को सुखा दिया गया। अब इसमें नशेड़ियों का कब्जा दिख रहा है। दरअसल, पिछले दिनों नैनीताल में ट्रैफिक संबंधी समस्या के लिए मुख्य न्यायाधीश जे.नरेंद्र अपने साथी न्यायाधीश आलोक मेहरा के साथ पैदल ही इस क्षेत्र में पहुंचे।
पर्दाधारा के महत्व को जानने के बाद उसकी दुर्दशा देखकर दोनों न्यायाधीश बेहद नाराज हुए और उन्होंने नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी दीपक गोस्वामी को इसे रिस्टोर करने को कहा।
आज एक वाइरल वीडियो ने इस सुनसान पड़े स्नानागार में स्मैक समेत अन्य नशे का सामान मिलने से इसकी पोल खोल दी है। यहां, स्मैक में इस्तेमाल होने वाली जली हुई सिल्वर फॉयल, शराब व पानी और डिस्पोजेबल ग्लास कैमरे में कैद हो गए।
मल्लीताल की जय लाल साह बाजार निवासी वरिष्ठ नागरिक रेखा साह का कहना है कि 1952 के आसपास जब घरों में पेयजल लाइनें नहीं हुआ करती थी, तो वो लोग अपने घरों के लिए पेयजल इसी पर्दाधारा में जाकर लाती थी।
महिला और पुरुष भी इसी जलश्रोत में स्नान के लिए जाया करते थे, क्योंकि इस जलश्रोत की खासियत ये होती थी कि इसका पानी गर्मियों में ठंडा और ठंड के मौसम में गर्म हुआ करता था।
वैज्ञानिक इस जल को सैकड़ों मिनरल से भरा मानते हैं। यहां का पानी, मस्जिद के प्याऊ समेत निचले हिस्से के कई सरकारी और गैर सरकारी प्रतिष्ठानों की आपूर्ति करते थे।
पर्दाधारा की इस स्थिति को देखकर स्थानीय लोगों ने नाराजगी जताई चंद्र प्रकाश ने कहा ब्रिटिश कॉलिंग के समय बना यह पर्दा धारा हमारे परिवार के लोग इस धारा में आया करते थे।
अपने कपड़े धोने के लिए एक तरफ पुरुषों के लिए बना था तो एक तरफ महिलाओं के लिए बना हुआ था पुरुष और महिलाएं कपड़े धोने और नहाने के लिए यहां करते थे।
यहां का पानी इतना शुद्ध और ठंडा था कि पर्यटक भी पानी पीने के लिए यहां करते थे। और यहां का पानी बाद ही निर्मल और शुद्ध हुआ करता था अब यह जगह नशेड़ियों का अड्डा बन चुका है।
आए दिन यहां पर नशेड़िया बैठे रहते हैं जिससे कि लोगों को आने-जाने में दिक्कतो का सामना करना पड़ता है।
पुराने स्वरूप में दो बारा बनकर आए जिससे कि लोगों को पिने के लिए पानी मिल सके।