रानीखेत। स्व. श्री जयदत्त वैला स्वतंत्रता संग्राम सेनानी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, रानीखेत (अल्मोड़ा) के रसायन विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित तीन दिवसीय ऑर्गेनिक सिंथेसिस कार्यशाला (9–11 मई, 2025) नवोदित रसायनशास्त्रियों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हुई।
यह कार्यशाला दक्षिण कोरिया के POSTECH संस्थान के रिसर्च प्रोफेसर डॉ. सैयद जाहिद हसन के मार्गदर्शन में संपन्न हुई, और इसके समन्वयक रहे डॉ. भारत पांडे।
इस गहन प्रशिक्षण कार्यशाला में प्रतिभागियों को प्रतिक्रिया सेटअप, सॉल्वेंट ड्राइंग, क्वेंचिंग, नाइट्रोजन प्यूरजिंग तथा रोटरी एवैपोरेटर के उपयोग जैसी अत्याधुनिक प्रयोगशाला तकनीकों की जानकारी दी गई।
डॉ. हसन ने नमी-संवेदनशील अभिक्रियाओं, इनर्ट वातावरण में कार्य करने की विधियों, तथा ग्लव बॉक्स और वैक्यूम सिस्टम के सुरक्षित उपयोग पर विशेष बल दिया।
छात्रों को थिन लेयर क्रोमैटोग्राफी (TLC), कॉलम क्रोमैटोग्राफी, और सॉल्वेंट एक्सट्रैक्शन के माध्यम से यौगिकों की शुद्धिकरण तकनीकों का व्यावहारिक प्रशिक्षण मिला।
सॉल्वेंट चयन, रिटेंशन फैक्टर का अनुकूलन और UV प्रकाश के तहत यौगिकों का अवलोकन भी कार्यशाला का मुख्य आकर्षण रहा। डॉ. हसन ने सुझुकी कपलिंग रिएक्शन का लाइव प्रदर्शन करते हुए इसकी वैज्ञानिक बारीकियों को स्पष्ट किया।
कार्यशाला में स्पिन कोटिंग द्वारा थिन फिल्म निर्माण, पॉलीमर घोल निर्माण, सॉक्सलेट निष्कर्षण, और सिलिकॉन सब्सट्रेट की सफाई जैसे उन्नत प्रयोगशाला तकनीकों पर भी चर्चा हुई। साथ ही, प्रयोगशाला सुरक्षा, उपकरणों की देखभाल और NMR, GC-MS, LC-MS जैसे विश्लेषणात्मक उपकरणों की भूमिका पर भी विस्तार से जानकारी दी गई।
एक विशेष सत्र में डॉ. हसन ने ऑर्गेनिक सिंथेसिस में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) की उभरती भूमिका को रेखांकित करते हुए छात्रों को नवाचार की दिशा में सोचने के लिए प्रेरित किया।
कार्यशाला के समापन पर डॉ. भारत पांडे, कार्यशाला समन्वयक, ने कहा:
“इस कार्यशाला ने छात्रों को न केवल प्रयोगशाला तकनीकों में दक्ष किया, बल्कि उनमें अनुसंधान के प्रति एक नई जागरूकता और आत्मविश्वास भी पैदा किया। हम डॉ. हसन के विशेषज्ञ मार्गदर्शन के लिए आभारी हैं और भविष्य में भी ऐसी ज्ञानवर्धक कार्यशालाएं आयोजित करने की योजना बना रहे हैं।”
कार्यशाला का समापन छात्रों की सक्रिय भागीदारी, रोचक संवादों और उत्साहवर्धक अनुभवों के साथ हुआ।