हिमालय की बर्फीली चोटियों के आंचल में फैली हर्षिल-मुखवा घाटी की हवा में देवत्व की अनुभूति घुली है। निर्मल व अविरल रूप में बहती गंगा की कलकल ध्वनि में श्रद्धा का संगीत घोल रही है।
इसी दिव्य धरा पर आज बृहस्तिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कदम पड़ेंगे, तो यह सिर्फ उनकी एक यात्रा नहीं होगी, बल्कि इसी सीमांत क्षेत्र के संभावनाओं का नया सवेरा होगा।
नई इबारत लिख सकती है पीएम मोदी की यात्रा
गंगोत्री धाम के शीतकालीन प्रवास स्थल मुखवा, हर्षिल में प्रधानमंत्री की इस यात्रा के मायने सिर्फ धार्मिक नहीं हैं, बल्कि यह साहसिक पर्यटन आधारभूत विकास और सीमांत क्षेत्रों के पुनर्जागरण की नई इबारत लिख सकती है।
स्थानीय जनमानस को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री शीतकालीन चारधाम यात्रा को विधिवत घोषित कर इसे राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाएंगे, ताकि देवभूमि में बारहों महीने श्रद्धालुओं से आबाद रह सके।
पर्यटकों के लिए नेलांग-जादुंग-पीडीए क्षेत्र के द्वार खोलने की उम्मीदप्रधानमंत्री की इस यात्रा का सबसे रोमांचक पहलू सीमांत नेलांग-जादुंग-पीडीए क्षेत्र के द्वार पर्यटकों के लिए खोलने की उम्मीद बढ़ गई।
वर्षों से इनर लाइन प्रतिबंधों में जकड़ा यह शीत मरुस्थल, अब रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य के प्रेमियों के लिए नए द्वार खोल सकता है।
बृहस्पतिवार को मोटरबाइक और एटीवी-आरटीवी रैलियों के उद्घाटन से लेकर जनकताल और मुलिंगला ट्रैकिंग अभियान तक, प्रधानमंत्री की यात्रा साहसिक पर्यटन को नया पंख देने का संकेत दे रही है।
परंतु हर्षिल घाटी की सुंदरता के पीछे स्वास्थ्य और शिक्षा सुविधाओं की कमी की सच्चाई भी छुपी हुई है।
हर्षिल, मुखवा, धराली सहित आठ गांवों के ग्रामीणों को शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए पलायन करना पड़ा रहा है। इस यात्रा से उम्मीदें हैं कि शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए इन क्षेत्र के लिए कुछ खास होगा।
गंगा के शीतकालीन मंदिर में 20 मिनट करेंगे पूजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज शीतकालीन प्रवास स्थल के गंगा मंदिर में 20 मिनट तक पूजा करेंगे।
प्रधानमंत्री के मिनट टू मिनट कार्यक्रम में सुबह 9:30 बजे से 9:50 प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पूजा अर्चना करेंगे।
इस दौरान पूजा कराने वाले और गर्भगृह में मौजूद रहने वाले तीर्थ पुरोहितों को भी तय कर दिया गया है।
शीतकालीन मंदिर में प्रधानमंत्री की पूजा गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष धर्मानंद सेमवाल और सचिव सुरेश सेमवाल करेंगे।
इस दौरान गर्भगृह में तीर्थ पुरोहित भागेश सेमवाल, सुधांशु सेमवाल, संजीव सेमवाल, अरुण सेमवाल रहेंगे।