देश में अब पब्लिक ट्रांसपोर्ट का चेहरा बदलने वाला है। भारतीय रेलवे अब वंदे भारत और नमो भारत सेमी हाई स्पीड ट्रेन के बाद सुपर हाई स्पीड ट्रेन की तरफ बढ़ रहा है। भारत में हाइपरलूप की भी टेस्टिंग की जा रही है।
इस हाइपरलूप के जरिए दिल्ली से पटना तक की 1,040 किलोमीटर की दूरी बस 1 घंटे में पूरी की जा सकेगी। वहीं दिल्ली से हरिद्वार जाने मात्र 20 मिनट का समय लगेगा।बता दें कि केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने अभी हाल ही में IIT मद्रास में हाइपरलूप टेस्टिंग फैसिलिटी का दौरा किया।दिल्ली से पटना एक घंटे में
केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने 15 मार्च को चेन्नई के अपने दौरे के दौरान इस हाइपरलूप टेस्टिंग ट्यूब का निरीक्षण किया। हाइपरलूप टेस्टिंग के दौरान अश्विनी वैष्णव ने कहा कि, IIT मद्रास में 410 मीटर लंबा हाइपरलूप टेस्ट ट्यूब एशिया का सबसे लंबा हाइपरलूप टेस्टिंग फैसिलिटी है और ये जल्द ही दुनिया का सबसे लंबा हाइपरलूप टेस्ट ट्यूब होगा।
बता दें कि आने वाले समय में सब कुछ ठीक रहा और भारत में हाइपरलूप ट्रेन की शुरुआत होती है तो पब्लिक ट्रांसपोर्ट का पूरा चेहरा ही बदल जाएगा।
क्या है हाइपरलूप टेस्टिंग ट्यूब
मालूम हो कि, हाइपरलूप टेक्नोलॉजी एक हाई स्पीड ट्रांसपोर्ट सिस्टम है जो एक वैक्यूम-सील ट्यूब में पॉड्स को 1000 किमी प्रति घंटे से भी तेज स्पीड से ऑपरेट कर सकती है।
बताते चलें कि साल 2013 में इलॉन मस्क ने पूरी दुनिया को सबसे पहले हाइपरलूप दिखाया था। इस हाइपरलूप ट्यूब को चलाने के लिए कैप्सूल या पॉड्स का प्रयोग किया जाता है, जिसमें यात्रियों को बिठाकर कार्गो लोड कर इन कैप्सूल्स या पॉड्स को जमीन के ऊपर बड़े-बड़े पारदर्शी पाइपों में इलेक्ट्रिकल चुंबक पर चलाया जाता है।
कई देशों में हो रहा काम
सबसे पहले हाइपरलूप का टेस्ट 9 नवंबर 2020 को अमेरिका के लास वेगास में 500 मीटर के ट्रैक पर एक पॉड के साथ आयोजित किया गया था। विश्व के कई देशों में हाइपरलूप तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है।
यूरोप में सबसे लंबा हाइपरलूप टेस्ट ट्रैक खुल चुका है। अब देश का पहले हाइपरलूप रेल ट्रैक तैयार कर लिया गया है।
ऐसे में उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही इस पर ट्रेन का ट्रायल शुरू कर दिया जाएगा।